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शहर में भालू घुसने से मचा हड़कंप, वन विभाग ने ऐसे किया रेस्क्यू

गोंदिया के जंगल क्षेत्र से निकलकर एक भालू 30 जून की रात 11.30 बजे शहर में घुस आया। इस घटना से शहर के सिंगलटोली और आंबाटोली क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 01, 2020 14:24 IST
शहर में भालू घुसने से मचा हड़कंप- India TV Hindi
शहर में भालू घुसने से मचा हड़कंप

गोंदिया (महाराष्ट्र): गोंदिया के जंगल क्षेत्र से निकलकर एक भालू 30 जून की रात 11.30 बजे शहर में घुस आया। इस घटना से शहर के सिंगलटोली और आंबाटोली क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही हमले की आंशका को देखते हुए वन विभाग ने इलाके के लोगों को अलर्ट कर दिया। संभावना व्यक्त की जा रही है कि ट्रेनों का आवागमन ना के बराबर होने की वजह से ढाकनी तथा पांगड़ी के वन परिक्षेत्र की तरफ से पटरी-पटरी होते हुए भालू सिंगलटोली (आंबाटोली) क्षेत्र स्थित रमाबाई स्कूल के निकट तक आ पहुंचा।

उसपर पब्लिक की ऩजर पड़ी तो लोगों ने जमा होकर शोर मचाते हुए भालू को परेशान करना शुरू कर दिया और इलाके में खबर आग की तरह फैलने से 300 से 400 तमाशबीन जमा हो गए। क्योंकि, यह क्षेत्र कंटेनमेंट जोन से लगा हुआ है इसलिए पुलिस स्टॉफ ने पहुंचते ही पब्लिक को हटाना शुरू किया, जिससे लोग घरों में चले गए। रातभर वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भालू की मूमेंट पर निगरानी करते रहे। इसी बीच वह एक खखरी की बाड़ीनूमा जगह के खाली प्लॉट पर स्थित जामुन के झाड़ पर चढ़ गया। 

क्योंकि, झाड़ पतला था और भालू का शरीर मोटा, इसलिए कुछ देर में ही भालू उतर आया और आसपास की तीन-चार गलियों में इधर-उधर चलता रहा। इस दौरान वन विभाग की टीम ने चारों ओर से ग्रीन मेट जाली और बैरिकेट्स बांध दिया ताकि सुरक्षा बनी रहे और भालू लोगों के घरों में ना घुसे। अच्छी बात यह रही कि भालू ने किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया और मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तथा वन कर्मचारियों के पहुंचने से भालू को भी पब्लिक द्वारा कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

रेस्क्यू टीम नागझिरा-नवेगांवबांध से पिंजरा गाड़ी बैरिकेट्स लेकर रात ढ़ाई से 3 बजे के बीच पहुंची थी। पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ कजरे भी यहां पहुंचे। 1 जुलाई सुबह 6 बजे उजाला होते ही DCF पूनम भी मौके पर पहुंची। वहीं, ट्रेन्यूलाइज करने का ऑर्डर मिलने पर रेस्क्यू टीम के मिथुन चौहान ने ट्रेंन्यूलाइजर गन से बेहोशी का इंजेक्शन भालू को दिया। ट्रेन्यूलाइज करने के बाद भालू बेहोश हो गया। उसके बाद वन विभाग अधिकारियों ने 15 से 20 मिनट भालू पर निगरानी रखी। इससे कन्फर्म हो गया कि भालू बेहोश है।

फिर उसे बेहोशी की अवस्था में ही पिंजरे में कैद कर लिया गया और पिंजरा गाड़ी मुंडीपार पाउंड जंगल की दिशा की ओर आज सुबह 8 रवाना कर दिया गया। यहां जंगल में भालू को छोड़ दिया गया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन DCF पूनम पाटे के मार्गदर्शन तथा गोंदिया के सहायक वन संरक्षक आर.आर. सतगीर के नेतृत्व में  वन क्षेत्राधिकारी सुशील नांदवटे, वन क्षेत्र सहायक संतोष श्रीवास्तव, वाढई, एन वैद्य, डी जी दखने (मुंडीपार ), एम दुर्रानी (दासगांव) सहित कई अधिकारियों की टीम ने किया।

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