मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में कई चुभने वाले, कड़वे और फिल्मी शब्द इस्तेमाल हो रहे हैं। उद्धव ठाकरे के पास से शिवसेना और सिंबल दोनों चले गए हैं। जब से धनुष बाण लेकर उन्हें जलती हुई मशाल पकड़ा दी गई है लड़ाई बहुत तीखी हो गई है। उद्धव ठाकरे हिन्दुत्व की परिभाषा बता रहे हैं। वो बीजेपी के हिन्दुत्व को झगड़ा कराना वाला और अपने हिन्दुत्व को जोड़ने वाला कह रहे हैं। दूसरी तरफ शिवसेना को अलॉट किए गए कमरों, भवनों, इमारतों पर भी एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने कब्जा करना शुरू कर दिया है।
उद्धव के निशाने पर अमित शाह
शिवसेना के असली हकदार की लड़ाई और तेज हो गई है। शिंदे गुट ने विधानसभा में शिवसेना के ऑफिस पर कब्जा कर लिया है और पार्टी पर पूरी तरह से अपना अधिकार चाहता है। अब उद्धव ठाकरे भी महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक खुल्लम खुल्ला हमला बोल रहे हैं। उद्धव ठाकरे इस बार इस पूरे झगड़े में एकनाथ शिंदे से ज्यादा अमित शाह पर निशाना साध रहे हैं। वो और उनकी पार्टी अमित शाह को खुलकर महाराष्ट्र का दुश्मन बता रहे हैं। अमित शाह ने सिंबल वाले मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होने की बात कही थी, उन्होंने इसे सत्य की जीत बताया था।
'जो भी हुआ वो बालासाहब के आशीर्वाद से हुआ'
वहीं, एकनाथ शिंदे यह संदेश देना चाहते हैं कि वो ही बालासाहब के सच्चे उत्तराधिकारी हैं। उनके विचारों और एजेंडे को आगे लेकर चल रहे हैं इसलिए जो भी हुआ है वो बालासाहब के आशीर्वाद से हुआ है।
उद्धव को नहीं मिला शरद पवार का साथ
महाराष्ट्र में पार्टी की पहचान और विचारधारा के लिए कमिटमेंट की परिभाषाओं के बीच उद्धव ठाकरे अकेले पड़ते दिख रहे हैं। महाविकास अघाड़ी के मतभेद भी खुलकर सामने आने लगे हैं। सिंबल के मुद्दे पर शरद पवार ने जिस तरह खुद को अलग किया है वो ठाकरे के अभियान के लिए बड़ा झटका है। शरद पवार ने कल उद्धव ठाकरे को ये लड़ाई खत्म करने और मशाल का सिंबल लेकर आगे बढ़ने की सलाह दी थी। आज उन्होनें इस मामले से खुद को एकदम अलग कर लिया। उन्होंने साफ साफ कह दिया कि वो और उनकी पार्टी इस विवाद में नहीं पड़ेंगे।
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शिवसेना का कोर हिन्दू वोटर बीजेपी की तरफ शिफ्ट
महाराष्ट्र की राजनीति अब ठाकरे परिवार के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होती जा रही है। उनका कोर हिन्दू वोटर बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो रहा है और महाविकास अघाड़ी में मतभेद उभर रहे हैं। शायद यही वजह है कि खोई जमीन हासिल करने के लिए उद्धव अब हिन्दुत्व को लेकर ज्यादा बयान दे रहे हैं। वो शिवाजी और मराठा की बात बार बार कर रहे हैं।