महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को वीर सावरकर जयंती के अवसर पर बड़ा ऐलान किया था। सीएम एकनाथ शिंदे ने घोषणा की कि बांद्रा वर्सोवा सी लिंक को अब से 'वीर सावरकर सेतु' के नाम से जाना जाएगा। रविवार 28 मई के दिन वीर सावरकर की 140वीं जयंती थी। जानकारी के मुताबिक बांद्रा वर्सोवा सी लिंक के नाम को बदलने को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। पहले भी कहा जा रहा था कि राज्य सरकार सी लिंक का नाम बदल सकती है।
बांद्रा सी लिंक का बदल गया नाम
ऐसे में अब सीएम एकनाथ शिंदे ने ऐलान कर दिया है कि अब से बांद्रा वर्सोवा सी लिंक को 'वीर सावरकर सेतु' के नाम से जाना जाएगा। रविवार को सीएम शिंदे की नेतृत्व वाली सरकार ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर नए संसद भवन को नए भारत का प्रतीक बताया था। साथ ही कहा कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि नए संसद भवन का उद्घाटन वीर सावरकर जयंती के अवसर पर किया गया है। बता दें कि वीर सावरकर को लेकर जहां एक तरफ कई विपक्षी दल उन्हें विलेन की तरह पेश करती है। वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दल हमेशा वीर सावरकर को बतौर हीरो पेश करती आई है।
वीर सावरकर जयंती के दिन नए संसद भवन का उद्घाटन
बता दें कि बीते कल 28 मई के दिन नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया था। इसी कड़ी में विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने से इनकार कर दिया था। विपक्षी दलों का कहना था कि नए संसद भवन की जरूरत थी क्या? वहीं कुछ दलों का कहना था कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिए। बता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान कई ब्राह्मण पुजारी संसद भवन में पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी को उन्होंने राजदंड सेन्गोल भी भी दिया। सेन्गोल को प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा स्पीकर के सीट के पास स्थापित किया है।