नागपुर: बड़े से बड़े शहर और छोटे से छोटे कस्बों में आपने लाल बत्ती समेत कई अन्य जगहों पर कुछ लोगों को भीख मांगते हुए देख होगा। कई बार आपने भीख दी भी होगी। कई बार आपने यह भी सोचा होगा कि यह लोग दिनभर भीख मांगकर अपने घर का गुजारा कैसे कर लेते होंगे। ख़ैर इस पर चर्चा कभी किसी और दिन आज हम आपको भिखारियों से जुड़ी हुई एक अन्य खबर बताने जा रहे हैं। महाराष्ट्र की उपराजधानी कही जाने वाले नागपुर शहर में भीख मानगने पर रोक लगा दी गई है।
शहरभर में भिखारियों के लिए धारा 144 लागू
नागपुर प्रशासन ने शहरभर में भिखारियों के लिए धारा 144 लागू कर दी है। इसके साथ ही इस आदेश के लागू होते ही लगभग 150 भिखारी अपने अपने गांव की तरफ रवाना कर दिए गए हैं। प्रशासन ने सकहत चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर कोई भी व्यक्ति भीख मांगते हुए दिखाई देता है तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि नागपुर शहर में आगामी 20 और 21 मार्च को G-20 की बैठक प्रस्तावित है। जिसके तहत नागपुर पुलिस ने चौराहों पर भीख मांगकर वाहन चालकों को परेशान करने वालों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया है।
यह आदेश 30 अप्रैल तक लागू रहेगा
नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि फौजदारी दंड संहिता की धारा 144 के तहत जमावबंदी का आदेश जारी किया है। यह आदेश 30 अप्रैल तक लागू रहेगा। पुलिस के इस आदेश के जारी होते ही नागपुर से 150 भिखारियों की टोली अपने अपने मूल जिले या मूल गांव की तरफ रवाना हो गई है, जिसमें 30 बच्चे, 40 महिला और 80 पुरुषों का समावेश है।
अधिकांश भिखारी नागपुर के बाहर के हैं
बता दें कि नागपुर के प्रमुख चौराहों पर भीख मांगने वाले नजर आते हैं, कोई सीधे पैसे मांगता है तो कोई खिलौने अथवा अन्य वस्तुओं की बिक्री करने की आड़ में भीख मांगता है। कोई भी चौराहा इससे अछूता नहीं है। नागपुर में भीख मांगने वाले विकराल समस्या दिन प्रतिदिन बनते जा रहे हैं। अधिकांश भिखारी नागपुर के बाहर के हैं। उन्होंने चौराहों, फुटपाथ तथा मैदानों पर कब्जा किया है। पुलिस ने भिखारियों के खिलाफ मुहिम आरंभ की है। पुलिस की अधिसूचना के माध्यम से भीख मांगने पर सख्त रोक लगाई गई है। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।