Tuesday, September 24, 2024
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बदलापुर एनकाउंटर: चिल्लाने लगा-नहीं छोड़ूंगा, अक्षय की मौत की कहानी, संजय शिंदे की जुबानी

बदलापुर में दो बच्चियों के यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई है। अब उसकी मौत कैसे हुई, एनकाउंटर कैसे हुआ, संजय शिंदे ने इसका खुलासा किया है।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published on: September 24, 2024 20:36 IST
badlapur encounter details- India TV Hindi
बदलापुर एनकाउंटर की पूरी कहानी

महाराष्ट्र के बदलापुर एनकाउंटर को लेकर सवाल उठ रहे हैंं। चार चार साल की दो बच्चियों के साथ गलत हरकत करने वाला अक्षय शिंदे कल एनकाउंटर में मारा गया था। मंगलवार को उसका पोस्टमार्टम पूरा हुआ लेकिन उसके परिवार वालों ने एनकाउंटर को फर्जी बताकर उसका शव लेने से इंकार कर दिया। एनकाउंटर की जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई है। विपक्षी महाविकास अघाड़ी के नेता भी इस मामले में पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं।

इस एनकाउंटर की जांच के लिए एडीशनल पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व में 8 मेंबर्स की कमेटी गठित की गई है। एनकाउंटर में एक पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे को भी गोली लगी है। संजय शिंदे ने भी इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें एनकाउंटर कैसे हुआ, अक्षय शिंदे ने कैसे पुलिस की रिवॉल्वर छीन कर तीन फायर किए, इसका पूरा डिटेल बताया है। 

अक्षय शिंदे की कहानी, संजय शिंदे की जुबानी

संजय शिंदे ने बताया कि मैंने गाड़ी रोकी और पीछे जाकर बैठा। मेरे सामने की सीट पर सहायक पुलिस निरीक्षक निलेश मोरे, उनके बगल में आरोपी अक्षय शिंदे, और उसके बाद पुलिस हवलदार अभिजीत मोरे बैठे थे। मैंने अक्षय को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वह गाली-गलौज कर रहा था। इसी बीच, जब हमारी गाड़ी मुंबई के वाय जंक्शन ब्रिज पर पहुंची, तब करीब शाम सवा 6 बजे अक्षय शिंदे ने अचानक सहायक पुलिस निरीक्षक निलेश मोरे के कमर की पैंट में खोसी हुई सरकारी पिस्तौल छीनने की कोशिश करने लगा। वह चिल्ला रहा था - मुझे जाने दो।

चिल्लाने लगा अक्षय, कहा-किसी को नहीं छोड़ूंगा

इस संघर्ष में निलेश मोरे की पिस्तौल लोड हो गई और एक गोली उनके बाएं पैर में लग गई, जिससे वे नीचे गिर गए। अक्षय शिंदे ने पिस्तौल लेकर जोर से चिल्लाते हुए कहा, "अब मैं किसी को भी जिंदा नहीं छोड़ूंगा," और उसने अचानक हवलदार हरीश तावडे की ओर पिस्तौल तानकर जान से मारने के इरादे से दो गोलियां चलाईं। लेकिन, सौभाग्य से, वे गोलियां हमें नहीं लगीं। अक्षय के इस उग्र रूप और उसके इरादों को देखकर हमें पूरा यकीन हो गया कि वह हमें जान से मारने वाला है। इसलिए, अपने और अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए, मैंने अपनी पिस्तौल से अक्षय की ओर एक गोली चलाई, जिससे वह घायल हो गया और नीचे गिर पड़ा, और उसके हाथ से पिस्तौल छूट गई।

गोली लगने से हुई मौत

इसके बाद हमने आरोपी अक्षय शिंदे पर काबू पाया और ड्राइवर को गाड़ी लेकर पास के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल, कलवा पहुंचने का निर्देश दिया। वहां मैंने आरोपी अक्षय शिंदे और सहायक पुलिस निरीक्षक निलेश मोरे को उपचार के लिए भर्ती कराया। डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया, लेकिन मुझे बाद में पता चला कि आरोपी अक्षय शिंदे को अस्पताल में भर्ती करने से पहले ही मौत हो गई थी।

विपक्ष ने लगाया आरोप

महाविकास अघाड़ी के नेताओं का आरोप है कि अक्षय शिन्दे बदलापुर की घटना के सारे राज जानता था और वो दूसरे लोगों के नाम बता सकता था, जिन्हें पुलिस बचाने की कोशिश कर रही है, इसीलिए अक्षय शिन्दे का मुंह हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। शरद पवार की एनसीपी के नेता जितेन्द्र अव्हाण ने कहा कि पुलिस वैन में कोई अपराधी पुलिस की रिवाल्वर छीन कर पुलिस वालों पर हमला कर दे, इस कहानी पर कोई यकीन नहीं करेगा। हाईकोर्ट कल इस केस की सुनवाई करेगा।

 

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