महाराष्ट्र के बदलापुर में नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। आज इस मामले पर सुनवाई हो रही है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच सुनवाई कर रही है। बदलापुर में एक स्कूल में सफाईकर्मी पर दो बच्चियों का यौन शोषण करने के आरोप लगे हैं। इस घटना को लेकर क्षेत्र के लोगों का गुस्सा फूटा है और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर लोग धरने पर बैठे हुए हैं।
हाईकोर्ट में सुनवाई
एडवोकेट जनरल: कल ही SIT ने अपनी जांच शुरू की है। आरोपी गिरफ्तार किया गया है।
कोर्ट: क्या 164 के तहत बयान रिकॉर्ड किया गया है?
एडवोकेट जनरल: आज किया जाएगा
कोर्ट: Pocso के तहत कार्रवाई हुई है क्या?
एडवोकेट जनरल: महिला अफसर मौजूद थी जब केस रजिस्टर हुआ।
कोर्ट: हमें केस डायरी और FIR चाहिए।
कोर्ट: क्या दोनों बच्चियों के स्टेटमेंट रिकॉर्ड हुए हैं?
एडवोकेट जनरल: जी हुए हैं लेकिन 164 के तहत नहीं हुए है। आज 164 के तहत स्टेटमेंट दर्ज किए जाएंगे। बच्चियों के घर पर जाकर पुलिस ने स्टेटमेंट लिए हैं।
कोर्ट: पोक्सो एक्ट में अगर स्कूल को पता था और उन्होंने एक्शन नहीं लिया तो क्या उनके ख़िलाफ़ कोई कारवाई हुई?
एडवोकेट जनरल: जी नही हुई हैं। SIT उसमें कारवाई करेगी।
कोर्ट: जब FIR में ये लिखाया गया है कि स्कूल को इसकी जानकारी दी गयी थी तो पुलिस को पहले ही एक्शन लेना चाहिए था स्कूल पर।
कोर्ट: दूसरे विक्टिम के बारे में FIR में कोई मेंशन क्यों नहीं है?
एडवोकेट जनरल: जी FIR के आखिरी हिस्से में लिखा गया है कि एक और विक्टिम है।
एडवोकेट जनरल ने विक्टिम का कोर्ट में FIR पढ़ते हुए नाम लिया। कोर्ट ने रोका और झाड़ लगाई। एडवोकेट जनरल ने माफ़ी मांगी।
अदालत को ठाणे पुलिस की तरफ से बताया गया कि दूसरी विक्टिम का स्टेटमेंट अभी हुआ नहीं है। जिस पर कोर्ट भड़क गया और कहा कि पहले कहा हुआ है अब कह रहे हैं कि नहीं हुआ है।
कोर्ट: सिर्फ सस्पेंड करने से काम नहीं होता है। क्या विक्टिम के स्टेटमेंट की वीडियोग्राफी हुई है? आप बताइए कि क्यों स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने में देरी हुई है? दो बातें हैं, आप स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और दूसरे बच्ची का स्टेटमेंट लेंगे। पुलिस कैसे इतने सीरियस मामले में ढिलाई बरत सकती है? बच्चियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे? आप ऐफिडेविट फाइल करें इन बातों को लेकर।
कोर्ट: जब तक पब्लिक आउटबर्स्ट नहीं होता आप लोग कुछ नहीं करते। मतलब हर बार जनता को सड़क पर आना पड़ेगा क्या? और मामला 13 का था, FIR 16 को हुई।
एडवोकेट जनरल: किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। हर कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट: परिवार की सहायता करें।
कोर्ट: क्या दूसरी बच्ची के पिता का स्टेटमेंट रिकॉर्ड हुआ है?
एडवोकेट जनरल: जी, हुआ है।
कोर्ट: आप चेक कीजिये पहले। बाद में बयान बदलिए मत।
पुलिस ने बताया कि आज रिकॉर्ड हुआ है।
कोर्ट भड़क गया। कहा- ये क्या है? 13 का इंसिडेंट, 16 को FIR और स्टेटमेंट 22 तारीख को रिकॉर्ड हो रहा है। ये क्या चल रहा है? अगर हमें जरा भी लगा कि मामले को दबाने की कोशिश हो रही है तो हम किसी के खिलाफ एक्शन लेने में हिचकेंगे नहीं।
कोर्ट ने आर्डर लिखवाते हुए कहा: बदलापुर पुलिस ने आज तक दूसरे विक्टिम का कोई भी स्टेटमेंट नहीं लिया है। वहीं जब हाइकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया तो जल्दी-जल्दी में आधी रात को दूसरी विक्टिम के पिता का स्टेटमेंट दर्ज किया गया है।
कोर्ट: विक्टिम के साथ-साथ उनके परिवार का भी 164 के तहत बयान दर्ज किया जाए। अगली तारीख पर हमें केस डायरी दीजिये ताकि हमें पता चल सके कि SIT के पास जाने के पहले इस मामले में बदलापुर पुलिस ने क्या कार्रवाई की थी। आपको बहुत जवाब देने की जरूरत है कि बदलापुर पुलिस ने जांच ठीक से क्यों नहीं की। पुलिस ने जिस तरह से FIR लेने में देरी की है इससे लोग डिस्करेज होते हैं पुलिस थाने जाने से। महाराष्ट्र पुलिस कहती है सद्रक्षणाय खलनिग्रहणाय। मतलब आप सबकी सुरक्षा करेंगे। लेकिन आप लोग ऐसा करेंगे तो लोगों का फेथ पुलिस में कम होगा।
अब कोर्ट इस मामले की मंगलवार को 2.30 बजे दोपहर में फिर सुनवाई करेगा।
बदलापुर के स्कूल में दो बच्चियों का शोषण
बदलापुर के एक स्कूल में 23 साल के सफाईकर्मी ने दो नाबालिग बच्चियों के साथ यौन शोषण किया। इस मामले में दोनों लड़कियों के माता-पिता ने एक दिन बाद शिकायत दर्ज कराई। माता-पिता के आरोप के अनुसार पुलिस ने 12 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, स्कूल प्रशासन पर मामले को दबाने के आरोप लगे हैं। स्कूल के सीसीटीवी कैमरे भी काम नहीं कर रहे थे और लड़कियों के वॉशरूम में भी सफाई के लिए पुरुषकर्मी को रखा गया था, जिसने नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण किया।
आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा के निर्देश
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले में पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएं। उन्होंने कहा कि आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है और कठोर से कठोर कानूनी धारा लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही इस केस को फास्ट ट्रैक पर लिए जाने की भी सूचना दी गई है। सीएम शिंदे कहा, "इस केस में हम स्पेशल पीपी अप्वॉइंट कर रहे हैं। SIT का भी निर्माण किया गया है। लोगों ने बताया कि पुलिस ने भी इसमें गड़बड़ी की है तो हमने पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई की। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और दूसरे कर्मचारियों को निलंबित किया है। सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। जो भी जरूरत होगी सरकार पूरा करेगी। संस्था चालक की जांच करने के भी आदेश दिए हैं। बच्चियों को हैंडल करने के लिए महिलाएं ही चाहिए और जो लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं उस हर संस्था पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।"
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