मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि अजित पवार गुट के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि हत्या करने से कुछ दिनों पहले शूटर्स ने उनके बारे में सोशल मीडिया पर, घूमकर और बैनर देखकर भी जानकारी जुटाई थी।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में एक और बात का खुलासा हुआ है। मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच में यह पता चला है कि जिन हथियारों का इस्तेमाल बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए किया गया, उसको राजस्थान के उदयपुर से मुंबई लेकर आया गया था। पुलिस ने बताया हथियार लेने और देने वाले दोनों एक दूसरे से अनजान थे। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में उदयपुर में हथियार लेने गए आरोपी राम कन्नौजिया और भगवंत सिंह को जिस शख्स से हथियार लेना था, उसके बारे में दोनों को कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
हथियार देने वाले शख्स की शर्ट की फोटो भेजी गई
उदयपुर पहुंचने के बाद उन्हें हथियार देने वाले का सिर्फ हुलिया भेजा गया था। हुलिए के रूप में गैंग की तरफ से सिर्फ हथियार देने वाले शख्स की शर्ट की फोटो दोनों आरोपियों को भेजी गई थी और फिर एक गुप्त जगह पर जाकर शर्ट वाले शख्स से तीनों पिस्टल लेने को कहा गया था।
हथियार लेने वाले दोनों शख्स एक दिन उदयपुर में रुके
इसी मॉड्यूल का इस्तेमाल सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग के दौरान भी किया था। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को इस मोड्स के चलते यह पता लगाना काफी मुश्किल हो रहा है कि राम कन्नौजिया और भगवंत को उदयपुर में हथियार किसने दिए? हालांकि, उसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है। मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी राम कन्नौजिया और भगवंत एक दिन उदयपुर में रुके थे और दूसरे दिन तीनों अनजान शख्स से पिस्टल का हैंडओवर लेने के बाद राजस्थान से सड़क के रास्ते मुंबई आए थे।
बाबा सिद्दीकी की हत्या के दिन मुंबई में ही थे दोनों
राजस्थान से मुंबई आने के दौरान उन्होंने बार-बार अपने यातायात के साधन को बदला था। पूरे सफर के दौरान सरकारी बस और कई प्राइवेट गाड़ियों का इस्तेमाल किया था। हथियारों को मुंबई लाने के बाद भगवंत सिंह और राम कन्नौजिया मुंबई में ही रुके थे और अगले आदेश के बाद घाटकोपर इलाके में शूटर शिव कुमार गौतम को तीनों हथियारों को कुरियर के जरिए हैंडओवर किया था। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, 12 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी की हत्या को अंजाम दिए जाने के दौरान राम कन्नौजिया और भगवंत सिंह मुंबई में ही मौजूद थे और और हत्या के बाद भाग गए थे।
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