मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में अबतक तीन आरोपियाों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन आरोपी अबतक फरार हैं। शनिवार को एनसीपी अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में फरार चल रहे तीनों आरोपियों की पुलिस ने पहचान कर ली है। गिरफ्तार किए गए दो हमलावरों की पहचान 19 वर्षीय धर्मराज राजेश कश्यप और 23 वर्षीय गुरमेल बलजीत सिंह के रूप में हुई है, जिन्हें मौके पर ही पकड़ लिया गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने 28 वर्षीय प्रवीण लोनकर नाम के एक अन्य शख्स को भी गिरफ्तार कर लिया है। प्रवीण लोनकर के भाई शुभम ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की ओर से हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट किया था। धर्मराज राजेश कश्यप और शिव कुमार दोनों उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं। गुरमेल हरियाणा का मूल निवासी है, जबकि मोहम्मद जीशान अख्तर पंजाब के जालंधर का रहने वाला है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, कश्यप और सिंह के साथ मौजूद तीसरा शूटर 24 वर्षीय शिव कुमार उर्फ शिव गौतम था, जो फरार है। पुलिस ने एक अन्य आरोपी 21 वर्षीय मोहम्मद जीशान अख्तर की भी पहचान की है, कथित तौर पर वही हत्या का मास्टरमाइंड है।
कौन हैं बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के आरोपी
पुलिस के मुताबिक गुरमेल का आपराधिक इतिहास रहा है, उसे 2019 में एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। उसके परिवार ने बताया कि 11 साल पहले गुरमेल को उन्होंने त्याग दिया था। गुरमैल की दादी ने कहा, "उसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है। वह अब हमारे लिए कुछ भी नहीं है।" उन्होंने कहा कि गुरमेल तीन महीने पहले जमानत पर जेल से बाहर आया था लेकिन घर पर नहीं रहता था।
इंडिया टुडे की वेबसाइड की खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के रहने वाले शिव कुमार और धर्मराज का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। शिव कुमार की मां के अनुसार, वह एक कबाड़ी की दुकान पर काम करने के लिए पुणे गया था और आखिरी बार होली के दौरान गांव आया था। कैसरगंज क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार सिंह के अनुसार, शिव कुमार कुछ साल पहले मजदूरी करने के लिए महाराष्ट्र गया था और उसने धर्मराज को अपने साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। जालंधर का रहने वाला मोहम्मद जीशान अख्तर पटियाला जेल में बंद था. उसके खिलाफ सात मामले दर्ज हैं।
ऐसे रचा गया मर्डर प्लान
शनिवार शाम धर्मराज, शिव और गुरमेल मुंबई के बांद्रा इलाके में बाबा सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर पहुंचे। जिस समय बाबा सिद्दीकी को गोली मारी गई, वे कार्यालय के पास पटाखे चला रहे थे। मुंबई पुलिस के मुताबिक, आरोपी मिर्ची स्प्रे लेकर आया था और बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने से पहले उसका इस्तेमाल उन पर करने की योजना थी। लेकिन, शिव ने उन पर सीधे फायरिंग शुरू कर दी। जबकि बाबा सिद्दीकी के सुरक्षाकर्मी धर्मराज और गुरमिल को पकड़ने में कामयाब रहे, शिव भागने में कामयाब रहा।
रविवार को पुणे के शुभम लोनकर नाम के एक शख्स ने सोशल मीडिया पोस्ट कर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की ओर से हत्या की जिम्मेदारी ली। 28 वर्षीय शुभम और उसके भाई प्रवीण ने कथित तौर पर बाबा सिद्दीकी को मारने के लिए शिव कुमार और धर्मराज कश्यप को सुपारी दी थी। प्रवीण उस कबाड़ी की दुकान के पास डेयरी चलाता है जहां शिव और धर्मराज काम करते थे। रविवार शाम पुलिस ने प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया और उसके भाई की तलाश कर रही है। हालांकि, पुलिस ने अब तक हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के शामिल होने की पुष्टि नहीं की है और दावों की जांच कर रही है।
मास्टर माइंड है जीशान अख्तर
धर्मराज राजेश कश्यप और शिव कुमार, गुरमेल और मोहम्मद जीशान अख्तर जेल में वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के गुर्गों के संपर्क में आया, जिन्होंने कथित तौर पर उसे बाबा सिद्दीकी को मारने की सुपारी दी थी। सूत्रों ने बताया कि अख्तर इस साल 7 जून को जेल से बाहर आया, जिसके बाद वह हरियाणा के कैथल में गुरमेल से मिलने गया। इसके बाद उन्होंने शिव, धर्मराज और गुरमेल के लिए मुंबई में एक कमरे की व्यवस्था की।
सूत्रों के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद अख्तर भी मुंबई में था और तीन हमलावरों को निर्देश दे रहा था। उसका आखिरी लोकेशन मुंबई में पाया गया, अब पुलिस उसकी तलाश कर रही है। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने कथित तौर पर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। सलमान खान को पहले भी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से कई धमकियां मिल चुकी हैं। बिश्नोई समुदाय के पवित्र जानवर काले हिरण को मारने का आरोप लगाया है।