मानहानि मामले में पेशी के लिए बांद्रा कोर्ट पहुंचे सपा नेता आजम खान ने मीडिया से कहा कि वह निर्दोष हैं। उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने खुद को गरीब आदमी और अनाथ बच्चों का मसीहा बताया। उन्होंने कहा, "सब परेशान करने के लिए किया जा रहा है, मैंने कोई गुनाह नहीं किया। अब तक पूंजीपतियों ने विश्वविद्यालय बनवाए। मैं गरीब आदमी हूं, मैंने एक विश्वविद्यालय बनाया जिसमें अनाथ बच्चों की फ़ीस नहीं लगती।"
तीन साल की मिली थी सजा
बता दें, बीते साल नवंबर में हेट स्पीच मामले में एमपीएमएलए कोर्ट से तीन साल की सजा पाए सपा नेता आजम खान को सेशन कोर्ट से रेगुलर जमानत मिल गई थी। बीते साल 27 अक्टूबर को एमपीएमएलए कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी। अदालत ने उन्हें साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण का दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी और 25 हजार रुपए जुर्माना लगा था।
बीते साल दिसंबर में भी दिया विवादित बयान
सजा मिलने के बाद आजम खान की रामपुर विधानसभा सीट से सदस्यता चली गई थी। पिछले साल दिसंबर के महीने में भी आजम खान ने एक विवादित बयान दे डाला था। जिसके खिलाफ रामपुर के थाना गंज में केस दर्ज हुआ था। दरअसल आजम खान ने अपनी जनसभा में एक बयान दिया था कि 'जो तुम्हारे ओर हमारे साथ हुआ है, चार सरकारों में अगर मैंने ऐसा किया होता तो बच्चों तुम्हारी मुस्कुराहटों की कसम खाकर कहता हूं बच्चा मां के पेट से पैदा होने से पहले ये पूछता कि पूछ लो आजम खान से, बाहर निकलना भी है या नहीं।'