
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार की रात भीषण हिंसा देखने को मिली है। नागपुर के महल इलाके में पथराव, कई गाड़ियों में तोड़फड़ और आसपास के इलाके में आगजनी की गई है। इस घटना के बाद से ही शहर में तनाव की स्थिति है। ऐसे में नागपुर शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंगल ने बताया है कि यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, इस हिंसा में 20 से 22 पुलिसकर्मी घायल हैं। वहीं, 62/65 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है।
वारिस पठान ने हिंसा का किया खंडन
वहीं इस मामले पर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा, 'हम हर तरह की हिंसा का जोरों से खंडन करते हैं। सभी का कायदे, कानून का पालन करना चाहिए। लेकिन ये क्यों हुआ और किस लिए हुआ, इसकी जांच महाराष्ट्र सरकार को करनी चाहिए। कल हैदराबाद से एक आए थे (टी राजा सिंह), उन्होंने पुणे के अंदर के भाषण दिया। ये सभी चीजें नफरत फैला रही है। सरकार इन सभी चीजों पर लगाम लगाए। सरकार ऐसे लोगों के ऊपर लगाम लगाए। हम बोल रहे थे कि काफी लोग कुछ दिन से चाहते हैं कि महाराष्ट्र में नफरत पैदा हो।'
कानून का पालन करें सभी लोग: वारिस पठान
उन्होंने कहा कि हमने सीएम फडणवीस को हमेशा कहा है कि इस तरह की घटनाओं को रोकें। आज नफरत की आग यहां तक बढ़ गई। किसने इन लोगों को वहां जाकर आंदोलन करने का इजाजत दिया था। एक 400 साल पुराना औरंगजेब का मुद्दा लेकर भाजपा सरकार तमाम मुद्दों से ध्यान भटका रही है। हम चाहेंगे कि हिंसा न हो और हम रिक्वेस्ट करेंगे की सभी कायदे, कानून का पालन करें और कोई भी इसका उल्लंघन न करे। सरकार से हम मांग करेंगे कि जिन लोगों ने दंगे भड़काने वाले भाषण दिए और दंगों को उकसाया, वैसे लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करे।