मुबंई. महाराष्ट्र में औरंगाबाद जिले के नाम पर सियासी बवाल बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ जहां शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर देना चाहती है तो वहीं NCP और कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया है। नाम बदलने के शिवसेना के स्टैंड पर NCP ने नाराजगी जताई है। NCP नेता माजिद मेमन ने ट्वीट कर कहा है कि ऐसा लग रहा है सरकार मुस्लिमों के खिलाफ है। सहयोगी दलों के इस विरोध पर जब शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। महाराष्ट्र के सीएम ने साफ तौर पर कहा है कि यह संभाजीनगर है और रहेगा। यह लोगों की भावनाओं की बात है, इसलिए हम इस पर चर्चा कर सकते हैं लेकिन निर्णय लिया गया है।"
औरंगाबाद को संभाजीनगर कहने में कुछ नया नहीं है: उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 8 जनवरी शुक्रवार को कहा था कि औरंगाबाद को संभाजीनगर कहने में कुछ भी नया नहीं है। उनका यह बयान औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के प्रस्ताव का कांग्रेस द्वारा विरोध किये जाने के बीच आया। संभाजी, मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के बड़े बेटे थे।पढ़ें- ठंड से बचाने के लिए मां ने बच्चे की खाट के नीचे रखी थी अंगीठी, घर में लग गई आग
मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर औरंगाबाद को संभाजीनगर के रूप में उल्लेख किये जाने पर कांग्रेस और राकांपा की आलोचना के बारे में जब पूछा गया, तो ठाकरे ने कहा, "उसमें नया क्या है? हम वर्षों से औरंगाबाद को संभाजीनगर कहते आ रहे हैं। औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष नहीं था। धर्मनिरपेक्ष उसके लिए उपयुक्त शब्द नहीं है।"
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मुख्यमंत्री के बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा, "शहर का नाम बदलने से लोगों की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आता है। इसमें कहीं कोई विकास नहीं है। हम अपने इस रूख से मुख्यमंत्र को अवगत करायेंगे।" शिवसेना ने 1995 में पहली बार औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने की मांग की थी।