लोकसभा चुनाव 2024 में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष व लोकसभा उम्मीदवार प्रकाश आंबेडकर को एमआईएम की ओर से पूरा समर्थन देने की बात कही है। उनके इस फैसले ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति गरम कर दी है। ओवैसी ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वह अकोला में अंबेडकर को पूरा समर्थन देंगे। इस सीट पर बीजेपी, कांग्रेस उम्मीदवार के साथ प्रकाश अंबेडकर मुकाबले में हैं और बदलते समीकरण के साथ यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
मुख्तार की मौत का मुद्दा उठाया
असदुद्दीन ओवैसी छत्रपति संभाजीनगर के दौरे पर हैं। वह सांसद इम्तियाज जलील का प्रचार कर रहे हैं। छत्रपति संभाजीनगर के शाहगंज इलाके में एक सभा में उन्होंने कहा कि उनके मरने के बाद उनकी कबर औरंगाबाद में ही होगी और संभाजीनगर के लोग उन के जनाजे को कंधा देंगे। मुख्तार अंसारी पर बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुख्तार अंसारी को स्लो प्वाइजन देखकर मार दिया गया। ओवैसी ने कहा कि हमारे देश में सियासत की वास्तविकता के जब कभी हम अपने नेताओं को बढ़ावा देने की बात करते हैं, तो हमें स्लो प्वाइजन देखकर मार दिया जाता है स्लो प्वाइजन देकर हमारे नेतृत्व खत्म कर दिया जाता।
मनोज पाटिल को नई पार्टी बनाने की सलाह
मराठा आरक्षण के लिए लड़ाई लड़ने वाले मनोज जरांगे पाटिल को भी असदुद्दीन ओवैसी ने प्रोत्साहित किया और कहां की मनोज जरंगे पाटिल ने केंद्र से लेकर राज्य के सभी नेताओं को मराठा आरक्षण के लिए नींद से जगा कर परेशान कर दिया। उन्होंने आरक्षण की लड़ाई लड़ी। इसके साथ ही ओवैशी ने जरांगे पाटिल को कहा के मनोज जरांगे पाटिल जैसे लोगो को अलग आकर राजकीय पार्टी बनाना चाहिए। क्योंकि बिना कोई राजकीय पार्टी के इंसाफ नहीं हो सकता।
त्रिकोणीय हो सकता है अकोला का मुकाबला
अकोला से अनूप धोत्रे बीजेपी उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने अभय काशीनाथ पाटिल को टिकट दिया है। पहले कांग्रेस ने प्रकाश अंबेडकर का समर्थन करने की बात कही थी, लेकिन बाद में कांग्रेस ने यहां अपना उम्मीदवार उतार दिया। यह सीट लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन पिछले चार चुनाव बीजेपी उम्मीदवार ने जीते हैं। 1952 से 1984 तक कांग्रेस इस सीट पर जीत हासिल करती रही। इसके बाद 1989 से 1996 तक यह सीट बीजेपी के खाते में रही। 1998 और 1999 में प्रकाश अंबेडकर ने जीत हासिल की। इसके बाद से संजय धोत्रे यहां से सांसद बनते रहे। इस बार उनके बेटे अनूप चुनाव लड़ रहे हैं। यही वजह है कि बीजेपी पहले की तुलना में कमजोर दिख रही है। वहीं, कांग्रेस और अंबेडकर ने मुकाबला रोचक बना दिया है।
यह भी पढ़ें-
राहुल गांधी और अखिलेश की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, रामनवमी का बधाई दी, बीजेपी पर साधा निशाना