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Antilia Bomb Case: एनआईए की विशेष अदालत ने कहा- पूर्व पुलिसकर्मी शिंदे साजिश में था शामिल

NIA की विशेष अदालत ने शनिवार को कहा कि पूर्व पुलिसकर्मी विनायक शिंदे ने प्रथम दृष्टया उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास विस्फोटक रखने की साजिश में हिस्सा लिया और फर्जी मुठभेड़ मामले में मिली परोल का जानबूझकर दुरुपयोग किया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 26, 2022 21:39 IST
NIA special court says Vinayak Shinde was involved in Antilia bomb case
Image Source : FILE PHOTO NIA special court says Vinayak Shinde was involved in Antilia bomb case

Highlights

  • एंटीलिया बम केस में NIA की कोर्ट ने की टिप्पणी
  • शिंदे को कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
  • पूर्व पुलिसकर्मी ने परोल का जानबूझकर किया दुरुपयोग

नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की विशेष अदालत ने शनिवार को कहा कि पूर्व पुलिसकर्मी विनायक शिंदे ने प्रथम दृष्टया उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास विस्फोटक रखने की साजिश में हिस्सा लिया और फर्जी मुठभेड़ मामले में मिली परोल का जानबूझकर दुरुपयोग किया।  विशेष न्यायाधीश ए टी वानखेड़े ने मंगलवार को शिंदे को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की। 

शनिवार को आए कोर्ट के विस्तृत आदेश मे कहा गया है कि रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के फर्जी मुठभेड़ मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा शिंदे पिछले साल फरवरी में एंटीलिया बम की घटना के समय पेरोल पर बाहर था। पूर्व पुलिसकर्मी ने इस आधार पर जमानत का अनुरोध किया था कि उसे मामले में ‘‘झूठा फंसाया गया’’ और केवल ‘‘अनुमान और धारणा’’ के आधार पर आरोपी बनाया गया। शिंदे ने अपने वकील के माध्यम से कहा था कि प्राथमिकी में उसका नाम नहीं था और न ही चार्जशीट में ऐसी कोई बात थी जो आरोपी की गिरफ्तारी को सही ठहरा सके। 

हालांकि, अभियोजन पक्ष ने शिंदे की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी सीधे तौर पर अपराध के कृत्य में शामिल था। साथ ही कहा कि शिंदे के खिलाफ आरोप हैं कि वह स्वेच्छा से एक अन्य आरोपी (सचिन वाजे) द्वारा रची गई संगठित अपराध की कथित साजिश में शामिल हुआ। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री का अवलोकन करते हुए अदालत ने कहा कि यह सही है कि आरोपी हत्या के एक मामले में दोषी है और उम्रकैद की सजा काट रहा है। 

NIA की विशेष अदालत ने कहा, "परोल के दौरान उसने वाजे से संपर्क किया और मामले में एक गवाह और बार मालिकों को भी वाजे से मिलवाया। उसने उक्त गवाह से जबरन रकम भी वसूल की। इतना ही नहीं, शिंदे ने ‘पुलिस कांस्टेबल विनय’ होने का नाटक किया।" अदालत ने कहा कि यह आवेदक/अभियुक्त के आपराधिक व्यवहार और आचरण को दर्शाता है। न्यायाधीश ने आगे कहा कि कारमाइकल रोड (एंटीलिया के पास) पर जिलेटिन वाली गाड़ी रखने और मनसुख हिरन की हत्या की साजिश, अकेले सचिन वाजे द्वारा किए जाने की दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। 

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह तथ्य हो सकता है कि आवेदक (शिंदे) को साजिश के अंतिम परिणाम के बारे में पता नहीं हो, लेकिन, प्रथम दृष्टया, वह इसमें शामिल हुआ और उसने दी गई परोल का जानबूझकर दुरुपयोग किया और आपराधिक कृत्य में भाग लिया।’’ गौरतलब है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी 2021 को एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी। इसमें विस्फोटक यानी जिलेटिन की छड़ें रखी हुई थीं। तब मनसुख हिरन ने दावा किया था कि यह वाहन चोरी होने से पहले उसके कब्जे में था। कुछ दिनों बाद 5 मार्च 2021 को ठाणे में हिरन का शव मिला था।

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