नई दिल्ली/मुंबई। एनसीपी सूत्रों के मुताबिक, गृहमंत्री अनिल देशमुख को उनके पद से हटाया जा सकता है। जयंत पाटील या दिलीप वलसे पाटील को महाराष्ट्र का नया गृहमंत्री बनाया जा सकता है। जयंत पाटील महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष हैं और मौजूदा सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं
वहीं बताया जा रहा है कि दिलीप वलसे पाटील को इसलिए भी महाराष्ट्र का नया गृहमंत्री बनाया जा सकता है क्योंकि वे शरद पवार के सबसे करीबी और अनुभवी नेता हैं। दिलीप वलसे पाटील महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं साथ ही में कांग्रेस-एनसीपी की पिछली सरकारों में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। मौजूदा सरकार में आबकारी और श्रम मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
बता दें कि, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली कराने का गंभीर आरोप लगाने के बाद से राजनीति गरमा गई है।
अनिल देशमुख के इस्तीफे के लिए भाजपा ने प्रदर्शन किया
पुणे/नागपुर: भाजपा कार्यकर्ताओं ने रविवार को नागपुर और पुणे में प्रदर्शन कर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा मांगा। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों को देखते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए। देशमुख जहां आरोपों का सामना कर रहे हैं, वहीं राकांपा कार्यकर्ताओं ने नागपुर में यह कहते हुए प्रदर्शन किया कि सिंह राज्य के गृह मंत्री को बदनाम कर रहे हैं।
मुंबई पुलिस के आयुक्त पद से हटाए जाने के कुछ दिनों बाद सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दावा किया कि राकांपा के वरिष्ठ नेता देशमुख ने वाजे एवं अन्य पुलिस अधिकारियों से मुंबई के बार एवं होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था। पुणे में प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए राज्य भाजपा के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि शिवसेना नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
नागपुर में राज्य के पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने संविधान चौराहे पर प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जहां राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। शहर में देशमुख के आवास के बाहर भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए। इस बीच, राकांपा की नागपुर इकाई के अध्यक्ष अनिल अहीरकर ने कहा कि देशमुख के खिलाफ आरोप उन्हें बदनाम करने का प्रयास है। देशमुख ने सिंह के आरोपों को निराधार बताकर खारिज कर दिया था और आईपीएस अधिकारी को खुद को जांच से बचाने का प्रयास करार दिया था।