Anil Deshmukh: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट से बहुत बड़ी राहत मिली है। अदालत ने NCP नेता देशमुख को कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में मंगलवार को जमानत दे दी। अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट ने 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है। लेकिन पूर्व गृह मंत्री को CBI द्वारा दायर किए गए केस के चलते अभी जेल में ही रहना पड़ेगा क्योंकि उन्हें ED द्वारा दाखिल किए केस में जमानत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई का दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता की याचिका पर तेजी से सुनवाई और फैसला करे, क्योंकि यह छह महीने से लंबित है। देशमुख के वकील विक्रम चौधरी और अनिकेत निकम ने दलील दी कि उनकी उम्र (72), स्वास्थ्य और उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने के मद्देनजर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। इस दलील का ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने यह कहते हुए विरोध किया कि देशमुख को ऐसी कोई बीमारी नहीं है, जिसका जेल अस्पताल में इलाज नहीं किया जा सकता।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि ईडी ने देशमुख को नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था और वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद CBI द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने के बाद ईडी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईडी ने दावा किया कि देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.7 करोड़ रुपये इकट्ठए किए। ईडी ने आरोप लगाया गया कि गलत तरीके से अर्जित धन को नागपुर स्थित श्री साई शिक्षण संस्थान को भेजा गया, जो उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक शैक्षणिक ट्रस्ट है।