महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने पर माहौल गर्मा गया है। विपक्षी दलों ने शिंदे सरकार पर लाठीचार्ज का आदेश देने का आरोप लगाया है। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि मैं गृह मंत्री था और मुझे पता है कि आदेश कौन देता है।
"जालना में शांति तरीके आंदोलन चल रहा था"
जालना में हुए लाठीचार्ज के संबंध में देशमुख ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "जालना में शांति तरीके आंदोलन चल रहा था, मराठा आंदोलनकारी पर लाठीचार्ज करना गलत है। गृह मंत्रालय ने आदेश दिया, इसलिए यहां लाठीचार्ज हुआ। मराठा समाज एक साथ आ रहा है यह देखकर पुलिस पुलिस अधीक्षक को बलि का बकरा बनाकर उन्हें जबरन अवकाश पर भेजा गया है।" उन्होंने कहा कि निवृत्ति न्यायाधीश से संपूर्ण घटना की जांच होनी चाहिए।
"वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद लाठीचार्ज नहीं कर सकते"
देशमुख ने कहा कि वह महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री रह चुके हैं और उनकी जानकारी के अनुसार, आदेश गृह मंत्रालय से ही पुलिस को मिला था। गृह मंत्रालय से फोन जाने के बाद ही वहां पर लाठीचार्ज हुआ है। जालना जिले के कोई भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद इस तरीके का लाठीचार्ज नहीं कर सकते, जब तक उन्हें ऊपर से आदेश नहीं दिया गया हो। गृह मंत्रालय से जो फोन आया था उसकी जांच होनी चाहिए। मंत्रालय से किसने फोन किया था, जांच के बाद यह बात सामने आएगी।"
पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी को छुट्टी पर भेजा गया
बता दें कि जालना में हिंसा के बाद मौजूदा जिला पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी को छुट्टी पर भेजा गया है। उनकी जगह शैलेश बलकवाड़े को जालना के नए SP के तौर पर नियुक्त किया गया है। यह कार्रवाई मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किए जाने के बाद हिंसा भड़कने की घटना के दो दिन बाद की गई।