Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. महाराष्ट्र
  3. कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अनिल देशमुख की जमानत अर्जी खारिज की

कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अनिल देशमुख की जमानत अर्जी खारिज की

ईडी ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोप पत्र निर्धारित समय के भीतर दाखिल किया गया था।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 18, 2022 17:57 IST
Anil Deshmukh, Anil Deshmukh Bail, Anil Deshmukh Bail Plea, Anil Deshmukh ED
Image Source : PTI FILE महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जमानत अर्जी को एक विशेष अदालत ने मंगलवार को खारिज कर दिया।

Highlights

  • ईडी ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोप पत्र निर्धारित समय के भीतर दाखिल किया गया था।
  • विशेष न्यायाधीश आर एन रोकडे ने NCP नेता अनिल देशमुख की याचिका खारिज कर दी।
  • ईडी ने 29 दिसंबर 2021 को देशमुख और उनके बेटों के खिलाफ 7,000 पन्नों का पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था।

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की उस अर्जी को एक विशेष अदालत ने मंगलवार को खारिज कर दिया, जिसमें कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में तकनीकी आधार पर जमानत देने का अनुरोध किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता देशमुख को 2 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं। देशमुख ने अपनी अर्जी में दलील दी थी कि धन शोधन निवारण कानून के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने उन्हें आगे की न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र का संज्ञान नहीं लिया।

ED ने किया देशमुख की जमानत अर्जी का विरोध

देशमुख की तरफ से दायर अर्जी में कहा गया था कि चूंकि गिरफ्तारी से 60 दिन की निर्धारित अवधि में आरोप पत्र का संज्ञान नहीं लिया गया, इसलिए उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 167 के तहत तकनीकी आधार पर जमानत मिलनी चाहिए। ईडी ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोप पत्र निर्धारित समय के भीतर दाखिल किया गया था। विशेष न्यायाधीश आर एन रोकडे ने राकांपा नेता की याचिका खारिज कर दी। धारा 167 के अनुसार यदि 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जाता है और इसका संज्ञान नहीं लिया जाता है तो आरोपी तकनीकी आधार पर जमानत का अनुरोध कर सकता है।

ED ने दाखिल किया था पूरक आरोप पत्र
हालांकि केंद्रीय एजेंसी ने दलील दी कि आरोप पत्र पर अदालत के संज्ञान लेने का सवाल ही प्रासंगिक नहीं है। साथ ही कहा कि समय पर मूल आरोप पत्र और पूरक जमानत दाखिल होने के बाद ‘डिफॉल्ट’ जमानत पर विचार नहीं किया जा सकता है। ईडी ने 29 दिसंबर 2021 को देशमुख और उनके बेटों के खिलाफ 7,000 पन्नों का पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। इससे पहले ईडी ने देशमुख के निजी सचिव (अतिरिक्त कलेक्टर-रैंक के अधिकारी) संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे सहित 14 अन्य आरापियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

CBI ने भी अप्रैल में दर्ज किया था मामला
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अप्रैल 2021 में NCP के वरिष्ठ नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया, जिसके बाद ईडी ने देशमुख के खिलाफ एक अलग जांच शुरू की। ईडी का मामला यह है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने (अब बर्खास्त) पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के माध्यम से मुंबई के विभिन्न बार से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए। (भाषा)

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें महाराष्ट्र सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement