बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में महारैली निकाली गई। इस रैली में लगभग 20 हजार लोग शामिल हुए और हिंदुओं के समर्थन में नारे लगाए। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश से हिंदुओं के साथ बर्बरता, आगजनी, लूटपाट और हमलों की अलग-अलग तस्वीरें सामने आ रहीं है। बांग्लादेश में हो रही घटनाओं को लेकर हिंदुओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गोंदिया सकल हिंदू समाज से जुड़े 70 से अधिक हिंदू समूहों ने रविवार (22 सितंबर) को हिंदुओं के समर्थन में रैली निकाली। इसमें व्यापारी से लेकर महिलाएं और पुरुष शामिल रहे।
जन आक्रोश रैली में स्वयं स्फूर्ति से अपनी दुकानें बंद कर 20 हजार से अधिक लोग पहुंचे, जो अपने हाथों में नारे लिखी तख्तियां और पोस्टर लिए हुए थे। उन्होंने जयस्तंभ चौक से एक किलोमीटर लंबा पैदल मार्च निकाला जिससे सड़कें भगवामय हो गई।
बांग्लादेश में सुनिश्चित हो हिंदुओं की सुरक्षा
रैली में शामिल लोगों ने सांप्रदायिक हिंसा पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त करते कहा कि बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध, ईसाई अल्पसंख्यक खतरे में है। बहन बेटियों के साथ अत्याचार हो रहे हैं। कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यक हिंदुओं के मंदिरों पर हमले किए, उनके घरों को लूटा गया और आग लगा दी गई, जिससे सैकड़ो हिंदू परिवार बेसहारा हो गए हैं। बांग्लादेश में जब भी अस्थिरता होती है तो धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासतौर पर हिंदुओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। उसका असर भारत पर भी पड़ता है, इसलिए बांग्लादेश की स्थिति सभी के लिए चेतावनी है।
खत्म हो अशांति का दौर
रैली में शामिल लोगों ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ चल रही हिंसा, अराजकता और अशांति का दौर खत्म होना चाहिए। बांग्लादेशी हिंदुओं के सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए भारत सरकार की लीडरशिप और संसद को हस्तक्षेप करना चाहिए और इस मुद्दे पर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश सरकार पर तत्काल दबाव बनाया जाए ताकि हमलों में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
अपनी लड़की दो, सोना दो, पैसा दो, नहीं तो देश छोड़ दो
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ गोंदिया के सड़कों पर आक्रोश महारैली से पहले जयस्तंभ चौक पर प्रशासकीय इमारत के सामने एक सभा आयोजित की गई, जिसमें विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने मंच से अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा "अपनी लड़की दो, सोना दो, पैसा दो नहीं तो देश छोड़ दो। ऐसे नारे पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में चरमपंथी लगा रहे हैं। 1951 में बांग्लादेश में हिंदुओं की हिस्सेदारी 22% थी जो अब घटकर 8% रह गई है। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से बांग्लादेश में अराजकता जारी है। हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़काने के पीछे कट्टरपंथी सोच है। यहां हिंदू होना ही स्वयं में सजा है। हिंदू लड़की होना उससे भी ज्यादा बड़ी सजा। इसी का नतीजा है कि धर्मांतरण दुष्कर्म जैसी घटनाएं बढ़ने से हिंदुओं में असुरक्षा की भावना चरम पर है। हिंदू बांग्लादेश में सॉफ्ट टारगेट समझ जाते हैं।"
जिम्मेदारी ले भारत सरकार
हिंदू नेताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हिंसक दमन तुरंत रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन और भारत सरकार को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी और सकारात्मक कदम उठाने होंगे। हिंदुओं पर अत्याचार नहीं सहेंगे इसीलिए यह जन आक्रोश महारैली निकली जा रही है। बता देंगे कि कार्यक्रम का समापन भारत के राष्ट्रगान के साथ किया गया।
(गोंदिया से रवि आर्य की रिपोर्ट)
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