Saturday, November 23, 2024
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  3. न तो राहुल गांधी और न ही उनके वंशज जम्मू-कश्मीर में धारा 370 बहाल कर पाएंगे, अमित शाह की कांग्रेस को खुली चुनौती

न तो राहुल गांधी और न ही उनके वंशज जम्मू-कश्मीर में धारा 370 बहाल कर पाएंगे, अमित शाह की कांग्रेस को खुली चुनौती

अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान कोई चुनावी एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान का मतलब विश्वास है लेकिन ये लोग (कांग्रेस) संविधान के नाम पर वोट मांग रहे हैं और आम लोगों को झांसा दे रहे हैं।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Updated on: November 08, 2024 21:53 IST
Home Minister Amit Shah - India TV Hindi
Image Source : PTI केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में शुक्रवार को एक चुनावी रैली में विपक्ष पर जोरदार हमला किया। अमित शाह ने कहा कि न तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और न ही उनकी चौथी पीढ़ी जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले धारा 370 को वापस ला पाएगी। महायुति (सत्तारूढ़ गठबंधन) के उम्मीदवारों सुधीर गाडगिल और संजय काका पाटिल के लिए सांगली में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस इस प्रयास में जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन कर रही है। 

देश का हर बच्चा कश्मीर के लिए लड़ने को तैयार

अमित शाह ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती से मैं राहुल बाबा आपको बता रहा हूं कि न तो आप और न ही आपकी चौथी पीढ़ी धारा 370 को बहाल कर पाएगी। देश का हर बच्चा कश्मीर के लिए लड़ने के लिए तैयार है।’ 

राहुल गांधी समेत इन नेताओं ने किया था विरोध

शाह ने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 को हटाने का फैसला लिया था, तब मैं (संसद में) विधेयक लेकर आया था, लेकिन राहुल गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और एमके स्टालिन ने इस कदम का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 को न हटाएं क्योंकि इससे घाटी में खून-खराबा होगा। खून की नदियां बहना तो दूर, किसी ने पत्थर फेंकने तक की हिम्मत नहीं की।’ 

पूर्व की सरकार में कश्मीर में होते थे आतंकी हमले

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान आतंकवादी हमले अक्सर होते थे, लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उरी और पुलवामा की घटनाओं के जवाब में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की गईं, जिससे पाकिस्तान में आतंकवादियों का सफाया हो गया। 

धारा 370 को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बवाल

बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने की मांग वाला प्रस्ताव बुधवार को पारित किया था। घाटी के कई राजनीतिक दलों ने इस कदम की सराहना की लेकिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इसका विरोध किया। इसे वापस लेने की मांग की। पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला प्रावधान समाप्त कर, इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था। 

पीटीआई के इनपुट के साथ

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