महाविकास आघाड़ी के तीनों राजनीतिक दल आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने का दावा कर रहे है। सीट बटवारें को लेकर बैठकों का दौर शुरू है। तीनों दलों के नेता अपनी-अपनी सीट पहचानने में जुट गए हैं। अशोक चव्हाण जो कि पूर्व में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, बुधवार को अजित पवार से मिलने उनके सरकारी निवास स्थान देवगिरी पहुंचे थे। इन दोनों नेताओं में तकरीबन एक घंटे तक बातचीत का दौर चला। बैठक खत्म होने के बाद अशोक चव्हाण ने बताया कि यह बैठक महाविकास आघाड़ी की बैठक नहीं थी। हम दोनों ने राज्य की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की। तीनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ें यह हमारी भूमिका है, जिस दल के प्रत्याशी का क्षेत्र में प्रभाव होगा उसे ही टिकट दिया जाए।
सीट बंटवारे पर फंसेगा पेंच?
उन्होंने कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात को देखकर निर्णय लिए जाने की आवश्यकता है। साथ ही जिस दल का सांसद पार्टी छोड़कर जा चुका है, ऐसे चुनावी क्षेत्र पर भी राजनीतिक परिस्थिति को ध्यान में रखकर सीट शेयरिंग करने की जरूरत है। बता दें कि उद्धव बाला साहेब ठाकरे गुट के 13 सांसद एकनाथ शिंदे के साथ जा चुके हैं। इसलिए उद्धव ठाकरे को महाविकास आघाड़ी में सीट शेयरिंग के समय नरम रुख अपनाने को लेकर बाकी के दो दलों की ओर से दबाव बनाया जा सकता है। कांग्रेस के कद्दावर और निष्ठावान नेता बालासाहेब थोराट अहमदनगर जिले के संगमनेर विधानसभा क्षेत्र से 1985 से चुनाव लड़ रहे है और वे लगातार जीतते आए हैं। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक बालासाहेब थोराट भविष्य मे संगमनेर विधानसभा क्षेत्र से उनकी बेटी डॉक्टर जयश्री थोराट को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। जयश्री संगमनेर विधानसभा क्षेत्र के लिए लगातार अपना जनसम्पर्क बना रही हैं। खुद बालासाहेब थोराट लोकसभा का चुनाव अहमदनगर लोकसभा सीट से लड़ सकते है। इस सीट पर फिलहाल सुजय विखे पाटिल सांसद है जो भाजपा नेता हैं।
क्या अपनी सीट छोड़ेंगे शरद पवार
सुजय विखे पाटिल राधाकृष्ण विखे पाटिल के पुत्र है। अहमदनगर जिले की राजनीति में हमेशा से ही बालासाहेब थोराट और राधा कृष्ण विखे पाटिल में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता रही है। जब राधाकृष्ण विखे पाटिल कांग्रेस मे थे तब भी थोराट परिवार और विखे पाटिल परिवार की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता किसी से छुपी नहीं थी। आज राधाकृष्ण विखे पाटिल भाजपा से विधायक और राज्य की सरकार में राजस्व मंत्री हैं। महाविकास आघाड़ी में अहमदनगर की लोकसभा सीट हमेशा से एनसीपी के पास रही है। अगर एनसीपी यह लोकसभा सीट बालासाहेब थोराट के लिए छोड़ देती है तो लोकसभा सीट से बालासाहेब थोराट और संगमनेर की विधानसभा क्षेत्र से जयश्री चुनावी मैदान में दिखाई दे सकते हैं। गौरतलब हैं कि बालासाहब थोराट के शरद पवार से नजदीकी संबंध रहे हैं और एनसीपी ने कभी भी अहमदनगर लोकसभा सीट जीती नहीं है। अगर एनसीपी अहमदनगर की सीट नहीं छोड़ती है तो ऐसी स्थिति में बालासाहब थोराट अपनी बेटी जयश्री को खुद की विधानसभा क्षेत्र संगमनेर से चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस पार्टी के संगठन में सक्रिय रूप से काम कर सकते है।