देश की आर्थिक राजधानी मुंबई इस समय कोरोना का गढ़ बनी हुई है। यहां देश भर में सबसे अधिक कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब यहां लोगों की मदद के लिए जुटे मुंबई पुलिस के कर्मचारी भी कोरोना से पॉजिटिव हो रहे हैं। पिछले तीन दिनों में यहां तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है। इसे देखते हुए मुंबई पुलिस आयुक्त का बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को घर पर ही रहने का निर्देश दिया गया है। यानि 55 साल से ज्यादा उम्र वालों को काम पर ना आने के निर्देश जारी किया गया है।
मुंबई के पुलिस आयुक्त ने आदेश जारी करते हुए कहा कि कोरोना अब हमारे पुलिसकर्मियों के लिए खतरा बन गया है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य एवं इम्युनिटी की स्थिति को देखते हुए फैसला लिया गया है कि 55 साल से अधिक उम्र के पुलिस कर्मी घर पर ही रहेंगे। इसके साथ ही ऐसे पुलिस कर्मी जिनकी उम्र 52 साल से अधिक है और डायबिटीज और ब्लडप्रैशर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें भी घर पर रहने को कहा गया है। इसके साथ ही 3 मई तक पुलिस स्टेशन के स्टाफ को भी 12 घंटे ड्यूटी और 24 घंटे के रेस्ट वाले शिफ्ट सिस्टम को अपनाने को कहा गया है।
कमिश्नर के अनुसार मुंबई पुलिस के 12000 कर्मचारियों को डॉक्टरी सलाह के साथ हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन दवा प्रदान की गई है। इसके साथ ही 20000 पुलिस कर्मियों को मल्टीविटामिन और प्रोटीन सप्लीमेंट दिया गया है। इसके अलावा कोरोना के प्रभाव में आने वाले पुलिस कर्मियों के लिए विशेष अस्पतालों की व्यवस्था की गई है। मुंबई के सभी कोविड अस्पतालों में मुंबई पुलिस के लिए विशेष बिस्तरों की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया गया है। साथ ही पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट, फेस मास्क, हैंड सेनेटाइजर्स, ग्लव्ज, फेस शील्ड भी पुलिस कर्मियों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना के चलते जान गंवाने वाले पुलिस कर्मियों के लिए 50 लाख रुपए के मुआवजे की भी व्यवस्था की है।