पुणे: महाराष्ट्र की पुणे एटीएस अल सूफ़ा आतंकी संगठन मामले की जांच कर रही थी। एटीएस ने जांच के दौरान पाया कि अल सूफ़ा संगठन के लोग पाकिस्तान के आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए काम कर रहे थे। जांच के दौरान एटीएस को पता चला कि इस मामले में गिरफ़्तार आरोपी ज़ुल्फ़िकार ने बम कैसे बनाया जाता है, उसके लिए वर्कशॉप का आयोजन भी किया था। इतना ही नहीं आरोपियों के पास से ATS को बम बनाने की सामग्री भी मिली है जिसमें केमिकल्स, थर्मामीटर, पपेट जैसी चीज़ें हैं।
बाइक, बंदूक और जिंदा कारतूस भी हुए बरामद
पुणे ATS ने जांच के दौरान आरोपी से एक बाइक, दो बंदूक और 5 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। ATS सूत्रों ने बताया कि इसी बाइक का इस्तेमाल कर आरोपी पुणे और आसपास के इलाक़ों की रेकी करते थे। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के रतलाम के रहने वाले मोहम्मद इमरान, मोहम्मद यूसुफ खान उम्र 23 साल और मोहम्मद यूनुस, मोहम्मद याकूब साकी उम्र 24 साल, और उनके फरार साथी के खिलाफ ATS ने मामला दर्ज किया है और इस मामले की जांच के दौरान ये सारी बातें पता लगी हैं।
मामले से जुड़े चार आरोपियों की एटीएस हिरासत बढ़ी
बता दें कि शनिवार को ही पुणे की एक अदालत ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक ऐंड सीरिया (आईएसआईएस) से कथित तौर पर जुड़े चार आरोपियों की आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की हिरासत 11 अगस्त तक बढ़ा दी। पुणे स्थित कोथरुड पुलिस थाने की पुलिस ने 18 जुलाई को मोहम्मद इमरान और मोहम्मद युनूस को गिरफ्तार किया था, जिनकी तलाश राजस्थान में आतंकवाद से संबंधित एक मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को थी।
इसके बाद एटीएस ने सिमाब नसरुद्दीन काजी को गिरफ्तार किया। एनआईए ने जुल्फिकार अली बड़ौदावाला को ठाणे में गिरफ्तार किया था, जिसे पुणे एटीएस ने उसी मामले में अपनी हिरासत में लिया। एटीएस ने चारों आरोपियों को शनिवार को अदालत के समक्ष पेश किया।
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