महाराष्ट्र की सियासत इन दिनों डेली सोप की तरह रोज नए ट्विस्ट के साथ देखने को मिल रही है। MVA के नेता लगातार अपने बयानों से राज्य में सत्ता परिवर्तन को लेकर उठते कयासों को हवा दे रहे हैं। अपने अगले राजनीतिक कदम को लेकर अटकलों के बीच, अजित पवार ने शुक्रवार को कहा था कि NCP 2024 में विधानसभा चुनाव का इंतजार करने के बजाय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए "अब भी" दावा कर सकती है। इससे पहले तक अजित पवार को सिर्फ भावी मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया जा रहा था लेकिन अब पार्टी के जो नए पोस्टर्स लगे हैं उसने MVA के साथी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है।
NCP के इन पोस्टर के क्या हैं सियासी मायने?
दरअसल, मुंबई में आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के यूथ विंग का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम का नाम है युवा मंथन। इसी कार्यक्रम में NCP के जो पोस्टर्स लगे हैं उनमें लिखा है कि अजित पवार मुख्यमंत्री बनते हैं तो क्या होगा? यानी अजित पवार सीएम बनने के बाद कौन-कौन से काम करेंगे। इन पोस्टर्स को अजित पवार की अगली रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। अजित पवार कदम दर कदम महाविकास आघाडी में खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी प्लान के तहत ये नए पोस्टर पूरी मुंबई में लगाए गए हैं। अजित पवार के इन पोस्टर्स की वजह से महाविकास आघाडी के साथी दल कांग्रेस और ठाकरे सेना में बेचैनी बढ़ गई है।
NCP प्रमुख शरद पवार ने क्या कहा
वहीं अजित पवार के इन पोस्टर और संजय राउत के सीएम बदलने वाले बयान को लेकर NCP प्रमुख शरद पवार ने सफाई दी है। शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सीएम बदलने के बारे में संजय राउत ने जो कुछ भी कहा है वह उनके अपने स्रोतों से ही होगा। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अजित पवार ने खुद कहा है कि उन्हें भविष्य का सीएम बताने वाले पोस्टर लगाना पागलपन है। पवार ने कहा कि जब MVA की वज्रमूठ रैलियों की योजना बनाई गई थी तो यह तय किया गया था कि प्रत्येक पार्टी अपने 2 नेताओं को भेजेगी। लेकिन यह कभी तय नहीं किया गया था कि कौन से 2 नेता, किस पार्टी के रूप में रैली में शामिल होंगे। इसमें शरद पवार या मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होंगे, यह तय नहीं था।
पवार ने आगे कहा कि पहले मैंने कहा था कि हमने एमवीए के रूप में एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है लेकिन हमारी सीट शेयरिंग आदि अभी तक तय नहीं हुई है। हमने अभी तक इस मामले पर चर्चा नहीं की है। मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया और इसे एमवीए में विभाजन के रूप में देखा गया, लेकिन ऐसा नहीं है।
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