लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद से धीरे-धीरे महायुति के बीच मतभेद सामने आने लगे हैं। महायुति और अजित पवार की एनसीपी के बीच अब मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर मतभेद सामने आ गए हैं। एनसीपी नेता सूरज चव्हाण ने कहा है कि महाराष्ट्र में मुसलमानों को अलग से आरक्षण मिलना चाहिए। आपको बता दें कि एनसीपी के नेताओं और महायुति गठबंधन के अन्य नेताओ के बीच इससे पहले भी बयानबाजी हुई थी। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर अब महायुति के बीच मतभेद और बढ़ सकता है।
क्या बोली एनसीपी?
मुस्लिम आरक्षण का किया समर्थन करते हुए एनसीपी नेता सूरज चव्हाण ने कहा है कि एनसीपी की भूमिका हमेशा ही मुसलमानों के प्रति पॉजिटिव रही है। भले ही हम महायुति का हिस्सा हो लेकिन अगर मुसलमानों पर अन्याय हुआ तो उसके खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आवाज़ उठाएगी। सूरज चव्हान ने कहा कि मुसलमान को आरक्षण मिलना ही चाहिए लेकिन ओबीसी कैटेगरी में नहीं क्योंकि ओबीसी यह जातिगत आरक्षण है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अलग से आरक्षण मिलना चाहिए।
पहले भी हुई खटपट?
बीते बुधवार को शिवसेना के नेता रामदास कदम ने बुधवार को एक कार्यक्रम में अजित पवार पर निशाना साधा था, जिस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने पलटवार किया। एनसीपी ने दावा किया कि उसके नेता अजित पवार के समय पर महायुति में शामिल हो जाने से सत्तारूढ़ गठबंधन लोकसभा चुनाव में बच गया।
क्या रहा लोकसभा चुनाव का परिणाम?
अजित पवार पिछले साल जुलाई में कई अन्य विधायकों के साथ प्रदेश की शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। महायुति ने हाल के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में 17 सीट जीती हैं। बीजेपी ने 9, शिवसेना ने 7 और एनसीपी ने 1 सीट जीती है। वहीं, कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) वाले विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) ने 30 सीट जीती हैं। कांग्रेस ने 13 सीटों पर जीत हासिल की, शिवसेना (यूबीटी) 9 और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने 8 सीटें जीती।
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