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दिल्ली में अमित शाह से मिलने क्यों पहुंचे अजित पवार, मुलाकात की ये हैं तीन अहम वजहें

कुछ दिन पहले तक जो अजित पवार किसी भी तरह की सार्वजनिक या निजी मुलाकातों से दूर थे, वे आज सीधा दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में डिप्टी सीएम पवार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात हुई जिसके बाद राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गईं।

Reported By : Sameer Bhaudas Bhise Edited By : Swayam Prakash Published on: November 10, 2023 22:08 IST
ajit pawar and amit shah- India TV Hindi
Image Source : X दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिले अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के आज अचानक दिल्ली दौरे से राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कल तक डेंगू की वजह से किसी से ना मिल पाने के हालात बता रहे अजित पवार ने साधी दिल्ली का रुख किया है और वहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। बता दें कि अजित पवार और प्रफ्फुल पटेल, दोनों ही दिल्ली पहुंचे हैं। 

हर तरह की सार्वजनिक और निजी मुलाकातों से दूर रहे अजित

अजित पवार लंबे समय से डेंगू से ग्रस्त थे जिसके चलते वह मंत्रीमंडल की बैठक हो या कोई सार्वजनिक या निजी मुलाकात, कहीं भी नजर नहीं आये। इस बीच मनोज जरांगे पाटिल का मराठा आरक्षण का आंदोलन भी अपने चरम पर रहा। नेताओं के घर- गाड़िया जलती रहीं, सार्वजनिक संपत्ति निशाना बनती रहीं, पर अजित पवार की ओर से कहीं कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी थी।

सूत्रों की माने तो अजित पवार के दिल्ली दौरे की तीन प्रमुख वजहे हैं-

  1. मौजूदा स्थिति में चुनाव आयोग और सर्वोच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई में अजित पवार गुट की कई नाकारात्मक बातें सामने आयी हैं और पूरी सुनवाई में शरद पवार गुट के दावे प्रभावी नजर आते हैं। ऐसे में अमित शाह के सामने भी अजित पवार अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।
  2. इसके अलावा आरक्षण के बड़े मुद्दे पर मराठा आंदोलन बनाम ओबीसी की लड़ाई में अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल की ओर से लगातार आ रहे बयान से सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं और भाजपा जो हमेशा ही ओबीसे के साथ रही है। ऐसे में मंत्री छगन भुजबल मंत्रिमंडल के भीतर ही सरकार के फैसले के खिलाफ खड़े हैं, जिसकी वजह से न सिर्फ सरकार ओबीसी के विरोध में बल्कि भाजपा की ओबीसी छवि भी प्रभावित हो रही है।
  3. मंत्रिमंडल के विस्तार में अजित पवार को बराबर की हिस्सेदारी चाहिए, जिसकी वजह से एकनाथ शिंदे नाराज हैं। सूत्रों की माने तो अजित पवार ने सभागृह में अभी तक अपने विधायकों की संख्या नहीं दिखायी है, जिसकी वजह से अजित पवार के पास विधायकों की निश्चित संख्या पर अब भी प्रश्नचिन्ह है। इसलिए अजित पवार को केंद्र और राज्य में भी सरकार के हिस्सेदारी पर चर्चा हो सकती है।

गौरतलब है कि डेंगू की वजह से खुद को शारीरिक रूप से कमजोर बताने वाले अजित पवार का राजनीतिक स्वास्थ्य भी कहीं कमजोर तो नहीं हो चला, इस बात पर भी अब चर्चा शुरू है। 

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