चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) करार दिया है। इसे एनसीपी ने लोकतंत्र की हत्या बताया है। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने चुनाव आयोग के राष्ट्रवादी कांग्रेस के संबंध में आए फैसले पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि जो इलेक्शन कमीश की तरफ से फैसला हुआ है, सभी को मालूम है कि एनसीपी की स्थापना किसने की है, राष्ट्रवादी कांग्रेस को महाराष्ट्र और इससे बाहर किसने बढ़ाया।
उद्धव ठाकरे के साथ भी ऐसा हुआ
अनिल देशमुख ने आगे कहा, "राष्ट्रवादी कांग्रेस को पिछले 25 साल से कौन संभाल रहा था, जनता जानती है, दुनिया जानती है। कोई अदृश्य शक्ति का इस्तेमाल कर इलेक्शन कमीशन ने हमारे खिलाफ हमारा सिंबल, हमारी पार्टी, एक गुट को दिया है। यह बहुत ही जल्दी में निर्णय है। यह लोकतंत्र की हत्या का निर्णय है। पहले यह घटना शिवसेना के साथ हुई, फिर यह हमारे साथ हुई। इस प्रकार की राजनीति जो महाराष्ट्र में चल रही है, उसे महाराष्ट्र ने देखा नहीं है। जिसने मकान बनाया, जिसने मकान का विस्तार किया, उसी की पार्टी उससे छीनी जा रही है, सब जनता जानती है।"
अब अजित पवार का हुआ एनसीपी
बता दें कि निर्वाचन आयोग के मंगलवार के फैसले से अजित पवार और पार्टी के संस्थापक एवं उनके चाचा शरद पवार के बीच कई महीनों से जारी लड़ाई खत्म हो गई। इससे पहले उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिया था। अजित पवार पिछले साल जुलाई में एनसीपी के ज्यादातर विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था।
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