महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर 20 नवंबर को मतदान किया जाएगा। वहीं 23 नवंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बीच एनसीपी को लेकर शरद पवार और अजित पवार के बीच विवाद छिड़ा हुआ ही है। वर्तमान में यह मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष है। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद यह तय हुआ कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजीत पवार गुट के पास ही एनसीपी का चुनाव चिह्न घड़ी रहने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अजीत पवार गुट घड़ी सिंबल का उपयोग डिस्क्लेमर के साथ कर सकती है। वहीं शरद पवार गुट द्वारा अजीत पवार गुट से घड़ी सिंबल वापस लेने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सहमति नहीं जताई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अजीत पवार गुट को कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल करे और बताएं कि वो सुप्रीम कोर्ट के पिछले 19 मार्च के आदेश के मुताबिक डिस्क्लेमर लगाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अजीत पवार गुट को कहा कि हर हाल मे डिस्क्लेमर के आदेश का पालन होना चाहिए। सीधे तौर पर कहें तो सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को इस शर्त पर घड़ी चुनाव चिह्न को इस्तेमाल करने की अनुमति दी है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान घड़ीं सिंबल के आसपास डिस्क्लेमर लगाएंगे। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 6 नवंबर को होने वाली है।
कोर्ट ने कहा- अपने लिए शर्मनाक स्थिति पैदा न करें।
सुप्रीम कोर्ट ने अजीत पवार गुट को कहा कि कोर्ट के डिस्क्लेमर वाले आदेश का पालन होना चाहिए। बता दें कि 10 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अजीत पवार गुट अपने चुनाव चिह्न के साथ डिस्क्लेमर लिखने को कहा था कि इस चुनाव चिह्न से जुड़ा विवाद कोर्ट में लम्बित है और इस पार्टी का शरद पवार से कोई संबंध नहीं है। कोर्ट ने इस संबंध में अजीत पवार गुट से हफनामा दायर करने को कहा है। अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष हमारे निर्देशों का पालन कर रहे हैं। अपने लिए शर्मनाक स्थिति पैदा न करें, यदि हम पाते हैं कि जानबूझकर हमारे आदेश का उल्लंघन करने का प्रयास किया गया है, तो हम स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना शुरू कर सकते हैं।