मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सोशल मीडिया पर खर्च के लिए करीब 6 करोड़ रुपए निधि का फैसला देने के मामले में नया अपडेट आया है। सोशल मीडिया अकाउंट के लिए 6 करोड़ रुपए की धनराशि देने के मामले में विवाद बढ़ने के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार बैकफुट पर आ गए हैं। निजी कंपनी को अजित पवार का सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने के संदर्भ में जो आदेश GAD विभाग ने निकाला था उसे रद्द कर दिया गया है। अजित पवार ने कहा कि किसी बाहरी कंपनी को ठेका देने की जरुरत नहीं हैं पहले की तरह DGIPR विभाग ही अजित पवार के विभागों से जुड़ी जानकारी मीडिया से सांझा करेगा। बता दें कि, अजीत पवार के पास महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे सरकार में वित्त और योजना विभाग की भी जिम्मेदारी है।
वहीं इस मामले में बीजेपी महाराष्ट्र के प्रवक्ता राम कदम ने ट्वीट कर कहा कि, 'महाराष्ट्र सरकार डेप्युटी चीफ मिनिस्टर अजित पवार के सोशल मीडिया के लिए 6 करोड़ खर्च करने जा रही है, क्या प्राथमिकता है? वैक्सीनेशन (vaccinations) के लिए पैसे नहीं कहने वाले, अब खुद की वाह-वाह के लिए करोड़ों खर्च करेंगे।'
पवार के सोशल मीडिया एकाउंट को चलाने के लिए सरकारी खजाने से दिए जाएंगे 6 करोड़ रुपए
बता दें कि, इससे पहले खबर आयी थी कि नगदी संकट का सामना कर रही महाराष्ट्र सरकार अब अपने डिप्टी सीएम अजीत पवार के सोशल मीडिया अकाउंट को चलाने के लिए सरकारी खजाने से 6 करोड़ रुपए देगी। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बुधवार को इस संबंध में प्रशासन की ओर आदेश जारी किए गए हैं। दरअसल, सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव आरएन मुसाले के हस्ताक्षर युक्त इस चिट्ठी में अजीत पवार सोशल मीडिया अकाउंट्स की जिम्मेदारी बाहरी एजेंसी को सौंपने का जिक्र है। इसके जजरिए अजित पवार के द्वारा लिए गए फैसले और अन्य जानकारियां लोगों तक पहुंच सके।
इस आदेश के मुताबिक एजेंसी अजित पवार के ट्विटर, फेसबुक, ब्लॉगर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हैंडल करेगी। एजेंसी का चयन डिप्टी चीफ मिनिस्टर सचिवालय और महानिदेशालय, सूचना एवं जनसंपर्क से सलाह के आधार पर तय किया जाएगा। इस आदेश में यह कहा गया है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में प्रोफेशनल्स की कमी है और तकनीकी तौर पर लोग इतने दक्ष नहीं हैं कि वे इस तरह के काम को संभाल सकें।