महाराष्ट्र में शरद पवार और अजित पवार के बीच जारी सियासी खींचा-तानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। अजित की बगावत के बाद अब शरद पवार ने पार्टी में नयी जान फूंकने के लिए राज्यव्यापी यात्रा शुरू की है। शरद पवार के इस कदम ने अजित पवार के कान खड़े कर दिए हैं। अब अजित पवार ने भी अपने गुट के मंत्रियों और प्रफुल पटेल को नई जिम्मेदारी सौंपी है।
9 मंत्री और प्रफुल पटेल मैदान में
शरद पवार की यात्रा को टक्कर देने के लिए अजित पवार ने अपने सभी 9 मंत्रियों और प्रफुल पटेल को मैदान में उतार दिया है। इन सभी को महाराष्ट्र के सभी 36 जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हर मंत्री 3-4 जिलों में संगठन को मजबूत करने का काम करेगा।
किसे क्या जिम्मेदारी?
अजित पवार ने खुद पुणे, सातारा, सांगली और सोलापुर जिले की जिम्मेदारी को संभाला है। वहीं, प्रफुल पटेल को नागपुर, अमरावती, भंडारा और गोंदिया जिले का प्रभार दिया गया है। सभी मंत्रियों को नियमित अंतराल पर अपना स्टेटस रिपोर्ट एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनिल तटकरे को सौंपने को कहा गया है।
क्या है शरद पवार का मकसद?
शरद पवार ने पार्टी को नई जान देने के लिए 17 अगस्त से राज्यव्यापी यात्रा की शुरुआत की है। पवार का मकसद एनसीपी के बागी विधायकों के क्षेत्रों में जाकर शक्ति प्रदर्शन करने का है। इसलिए पवार ने सबसे पहले अजित गुट के विधायक धनंजय मुंडे के क्षेत्र बीड़ में जाकर रैली की है।
हाल ही में मिले थे शरद-अजित
शरद पवार और अजित पवार ने पुणे में एक बिजनेसमैन के घर सीक्रेट बैठक की थी। इस बैठक के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में कई कयास लगाए जाने लगे थे। हालांकि, बाद में शरद पवार ने साफ कर दिया था कि वो अजित से पारिवारिक रिश्ते का कारण मिले थे। शरद पवार ने कहा था कि जो भी भाजपा का साथ देगा उसे वो कभी समर्थन नहीं देंगे।
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