यूपी में जाति की सियासत हो रही है लेकिन महाराष्ट्र में मजहब की सियासत को हवा देने की कोशिश हो रही है। आज असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेता इम्तियाज जलील, रामगिरि महाराज की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अपने हजारों समर्थकों के साथ संभाजी नगर से मुंबई की तरफ रवाना हुए। इम्तियाज जलील का इल्जाम है कि महाराष्ट्र में मुसलमानों को मस्जिद में घुसकर मारने की धमकी दी जा रही है। इस्लाम के बारे में गलत बयानबाजी की जा रही है और 60 FIR होने के बावजूद एकनाथ शिंदे की सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हालांकि, संत रामगिरि ने कहा कि इम्तियाज जलील की ये तिरंगा रैली अपनी सियासत चमकाने की कोशिश है। संत रामगिरि ने कहा कि चूंकि इम्तियाज जलील लोकसभा चुनाव हार गए थे इसलिए, अब वो विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए तिरंगा रैली निकाल रहे हैं।
'नबी के लिए वो कुर्सी तो क्या अपनी जान भी कुर्बान करने को तैयार'
संत रामगिरि के इस इल्ज़ाम के जवाब में इम्तियाज़ जलील ने कहा कि वो रामगिरि को संत मानते ही नहीं वो तो एक गुंडा है, मवाली है। इम्तियाज़ जलील ने कहा कि उनकी लड़ाई संविधान और क़ानून की हिफ़ाज़त की है और अपने नबी के लिए वो कुर्सी तो क्या अपनी जान भी क़ुर्बान करने को तैयार हैं।
इम्तियाज जलील के निशाने पर बीजेपी नेता नीतेश राणे भी हैं। नीतेश रामगिरि महाराज वाले विवाद में कूदे थे और उन्होंने सार्वजनिक मंच से मुसलमानों को धमकी दी थी। आज जब इम्तियाज जलील ने मुंबई की तरफ मार्च शुरू किया तो नीतेश राणे फिर बोले। उन्होंने कहा कि आखिर तिरंगा रैली में सर तन से जुदा के नारे क्यों लग रहे हैं। उनकी रैली में फिलिस्तीन का झंडा क्यों लहराया जा रहा है। नीतेश राणे ने कहा कि अगर कोई हिन्दुओं को धमकाएगा तो जवाब भी मिलेगा इसलिए इम्तियाज जलील पहले खुद सुधरें, फिर दूसरों पर उंगली उठाएं। लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि राज्य में सबको विरोध प्रदर्शन का अधिकार है और अगर इम्तियाज़ जलील, मुंबई आकर मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम से मिलना चाहते हैं तो दोनों नेता उनसे जरूर मिलेंगे।
'राजनीति चमकाने के लिए मोर्चा निकाल रहे हैं इम्तियाज़ जलील'
वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी ने AIMIM को महाविकास अघाड़ी की बी टीम बता दिया। शिंदे की शिवसेना के नेता संजय सिरशाट ने कहा कि चुनाव करीब हैं इसलिए इम्तियाज़ जलील अपनी राजनीति चमकाने के लिए मोर्चा निकाल रहे हैं। संजय सिरशाट ने पूछा कि आखिर इम्तियाज जलील की रैली में सिर्फ़ मुसलमान क्यों हैं। अगर ये तिरंगा रैली और संविधान बचाओ मोर्चा है तो इसमें बाकी धर्मों के लोग क्यों नहीं हैं।
कौन हैं रामगिरि महाराज?
महंत रामगिरि महाराज महाराष्ट्र के सरला द्वीप के मठाधीश हैं। उनके भक्तों की संख्या लाखों में बताई जाती है। छत्रपति संभाजीनगर, नासिक, जालना, जलगांव क्षेत्र में महंत रामगिरि महाराज का काफी प्रबाव माना जाता रहा है। माना जाता है कि सरला द्वीप का निर्माण गोदावरी नदी के बंटवारे से हुआ है।
आरोपों पर क्या बोले रामगिरि महाराज?
रामगिरि महाराज ने कहा था कि जो बयान मैंने दिया है वह किसी ग्रंथ के आधार पर दिया था। वह इतिहास है और इतिहास बदल नहीं सकता। सत्य को उजागर करना हमारा काम है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे जुल्म पर भी बात की थी। रामगिरि महाराज ने कहा है कि अपने बयान को लेकर मैं कोई खेद प्रकट नहीं करना चाहता। उन्होंने ये भी कहा था कि अकबरुद्दीन ओवैसी ने जब बोला था कि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो तब उनकी गिरफ्तारी हुई थी क्या। इस देश में अपना मत व्यक्त करने की स्वतंत्रता है।