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बम धमाके की साजिश रचने के आरोपी को मिली जमानत, स्वागत के लिए बड़ी संख्या में उमड़ी भीड़

आरोपी वैभव राउत को साल 2018 में महाराष्ट्र एटीएस ने बम ब्लास्ट की साजिश के आरोप में अरेस्ट किया था। हालांकि, कोर्ट ने माना कि जिस स्थान पर कथित तौर पर बम बरामद किए गए, राउत के पास न तो वह आवास था और न ही वह गोदाम।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Oct 13, 2023 22:01 IST, Updated : Oct 13, 2023 22:47 IST
आरोपी वैभव के स्वागत में उमड़ी भीड़।
Image Source : INDIA TV आरोपी वैभव के स्वागत में उमड़ी भीड़।

महाराष्ट्र के नालासोपारा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बम धमाका करने की साजिश रचने के आरोप में साल 2018 से जेल में बंद एक आरोपी को जमानत मिलने के बाद बड़ी संख्या में लोग उसके स्वागत के लिए आ गए। आरोपी के समर्थकों ने बैंड-बाजे के साथ और पटाखे फोड़कर धूम-धाम से उसका स्वागत किया। बता दें कि वैभव राउत 5 साल बाद जमानत मिलने के बाद नालासोपारा आया था। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

बम धमाके की साजिश का आरोप

महाराष्ट्र एटीएस ने साल 2018 में हिंदू गोवंश रक्षा समिति और सनातन संस्था के सदस्य वैभव राउत नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था। उसपर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। वैभव पर साल 2017 में पुणे में होने वाले सनबर्न फेस्टिवल में बम धमाका करने की साजिश रचने का आरोप लगा था। इस मामले में उसे 5 साल बाद कोर्ट से जमानत मिली। जब वह नालासोपारा आया तो उसके समर्थकों उसका स्वागत बड़ी धूम-धाम से किया और फिर उसके घर के बाहर रंगोली बनाई। 

हाई कोर्ट ने दी जमानत
वैभव राउत को कच्चे बम बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जमानत देते समय, उच्च न्यायालय ने पाया कि राउत के खिलाफ ये पुष्टि नहीं हुई थी कि उसने बम बनाया। हाई कोर्ट ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि जिस गोदाम से बम बरामद किए गए थे, वह राउत का नहीं था। वैभव की वकील सना रईस खान ने दलील दी थी कि जिस गोदाम से देसी बम बरामद किए गए, वह भी किसी और का था, न कि राउत का। कोर्ट ने 20 सितंबर को वैभव को जमानत देते हुए कहा था कि वह 5 साल से अधिक समय से जेल में बंद है और इस मामले की सुनवाई जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है।

3 अन्य को पहले ही मिली जमानत
इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है। वैभव की वकील सना ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने वैभव पर सनबर्न कार्यक्रम की रेकी करते हुए सीसीटीवी फुटेज में कैद होने का आरोप लगाया था। हालांकि, आज तक ऐसा कोई फुटेज रिकॉर्ड में नहीं लाया गया है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि जिस स्थान पर कथित तौर पर बम बरामद किए गए, राउत के पास न तो वह आवास था और न ही वह गोदाम। (रिपोर्ट: हनीफ पटेल)

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