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आज संसद भवन के सेंट्रल हॉल में NDA संसदीय दल की बैठक हुई जिसमें नरेंद्र मोदी को सर्व सम्मति से NDA संसदीय दल का नेता चुना गया। इस दौरान टीडीपी और जेडीयू ने भी मोदी के नाम का समर्थन किया। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका में आए तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अड़े रहना चाहिए।
बता दें कि आदित्य ठाकरे की टीडीपी और जेडीयू को यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना एनडीए गठबंधन में शामिल हो सकती है।
आदित्य ठाकरे ने क्या दावा किया?
ठाकरे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ठाकरे ने दावा किया कि सरकार बनाते ही भाजपा अपने सहयोगी दलों को तोड़ने की कोशिश में लग जाएगी। उन्होंने कहा, “नए राजग के संभावित सहयोगी दलों को एक विनम्र सुझाव है। स्पीकर (लोकसभा अध्यक्ष) का पद हासिल करें।” ठाकरे ने अप्रत्यक्ष रूप से शिवसेना और NCP में हुए विभाजन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “भाजपा की चालों का अनुभव हो चुका है, जैसे ही वे आपके साथ सरकार बनाएंगे, वादे तोड़ देंगे और आपकी पार्टियों को भी तोड़ने की कोशिश करेंगे। यह आपको पहले ही अनुभव हो चुका होगा।”
NDA में टीडीपी दूसरी और जेडीयू तीसरी सबसे बड़ी पार्टी
चूंकि भाजपा सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत से पीछे रह गई है, इसलिए प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए तेदेपा और जदयू का समर्थन महत्वपूर्ण हो गया है। राजग को कुल 293 सीट मिली हैं, जिनमें से भाजपा के पास 240 सीट हैं। 16 सांसदों के साथ तेदेपा राजग में दूसरी और 12 सांसदों के साथ जदयू तीसरी बड़ी पार्टी है। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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