मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि मुंबई में प्रदूषण की वजह से शहर के लगभग हर व्यक्ति को एलर्जी, सर्दी, खांसी का सामना करना पड़ रहा है। जब हमारी सरकार थी तब हमने प्रदूषण को कम करने के लिए बहुत काम किया, आरे को 808 एकड़ का जंगल घोषित किया था, अर्बन फॉरेस्ट की हमने शुरुआत की थी, ईवी पॉलिसी हम लेकर आए थे लेकिन इस संवैधानिक सरकार आने के बाद यह तमाम चीजें बंद हो गई हैं। पत्रकार और जनता लगातार यह मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन सरकार या पर्यावरण विभाग की तरफ से कोई जवाब नहीं दे रहा है। राज्य में पर्यावरण मंत्री तक नहीं हैं। मुंबई में हर तरफ स्मॉग दिखाई दे रहा है। बीएमसी कमिश्नर दलील दे रहे हैं कि लोग कूड़ा जला रहे हैं इस वजह से वायु प्रदूषण हो रहा है लेकिन यह सरासर झूठ है। जब हमारी सरकार थी तब हमने इस मुद्दे पर काम किया था। बाकायदा योजना बनाई थी, मुंबई क्लाइमेट एक्शन प्लान बनाया था.. हम उस पर काम भी कर रहे थे।
मुंबई का गार्जियन मंत्री ही एक बिल्डर है तो उससे क्या ही उम्मीद करें
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि, मुंबई में हो रहे वायु प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह एक ही है 'बिल्डरों के कंस्ट्रक्शन साइट्स'। इन निर्माणस्थलों से लगातार धूल उड़ती है और इसी धूल की वजह से मुंबईकरों को परेशानी हो रही है। गौर करने वाली बात यह है कि जब हमारी सरकार थी तब भी इस तरह से कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम होते थे लेकिन कभी भी वायु प्रदूषण इतना नहीं बढ़ा था। प्रदूषण को रोकने के लिए जो नियोजन होना चाहिए उस नियोजन का पालन नहीं हो रहा है। आदित्य ने पूछा, मुंबई में जहां-जहां कंस्ट्रक्शन साइट है.. आप एक जगह बताइए जहां पर बिल्डर द्वारा कंस्ट्रक्शन साइट पर हरे पर्दे लगाए गए हैं या फिर स्प्रिंकलर का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिस मुंबई शहर का गार्जियन मंत्री ही एक बिल्डर हो उससे क्या ही उम्मीद हम कर सकते हैं। सरकार ने आज मेट्रो निर्माण का कार्य रोक दिया है, कल कोई और काम रोक देंगे। मेरी सरकार से यही विनती है की जनता से जुड़े कामों को रोकने के बजाय जिन बिल्डरों और ठेकेदारों के दम पर आपकी सरकार चल रही है, दम है तो इन लोगों के काम रोक कर दिखाओ।
ठेकेदारों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं मुख्यमंत्री
आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि जब भी कोई समस्या आती है तो मुख्यमंत्री का सिर्फ एक ही जवाब होता है- कॉन्ट्रैक्ट ड्रिवन रिस्पांस। अभी उन्होंने क्या फैसला लिया है कि स्प्रिंकलर गन लगाएंगे, स्मॉग टावर खड़े करेंगे, इसका खर्च करीब 32 करोड़ रुपए आएगा। 1000 टैंकर्स खरीदेंगे और सड़क धोएंगे। हजार टैंकर लेना, मतलब ठेकेदार आ गए, स्प्रिंकलर गन लेना मतलब ठेकेदार आ गए, स्मॉग टावर लगाने में भी ठेकेदार आ गया। यानी हर तरह से ठेकेदारों को बोनस मिलेगा और मुंबईकर यूं ही परेशान रहेंगे। प्रदूषण की एकमात्र वजह है बिल्डरों साइट पर चल रहा काम। मुख्यमंत्री में दम है तो अगले 15 दिन तक इन बिल्डरों के निर्माणस्थल पर काम रोक कर दिखाएं।