Friday, November 15, 2024
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महाराष्ट्र में 8 लोगों की म्यूकोरमाइकोसिस से मौत, गुजरात में कोविड-19 से ठीक हुए कई मरीजों की आंखों की रोशनी गई

महाराष्ट्र में म्यूकोरमाइकोसिस (कवक संक्रमण) से कम से कम आठ लोगों की मौत हुई है। ये लोग कोविड-19 को मात दे चुके थे, लेकिन काले कवक की चपेट में आ गए।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 08, 2021 20:30 IST
mucormycosis in covid - India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMA महाराष्ट्र में 8 लोगों की म्यूकोरमाइकोसिस से मौत, गुजरात में कोविड-19 से ठीक हुए कई मरीजों आंखों की रोशनी गई

बई। महाराष्ट्र में म्यूकोरमाइकोसिस (कवक संक्रमण) से कम से कम आठ लोगों की मौत हुई है। ये लोग कोविड-19 को मात दे चुके थे, लेकिन काले कवक की चपेट में आ गए। राज्य में ऐसे लगभग 200 मरीजों का उपचार चल रहा है। चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) के प्रमुख, डॉक्टर तात्याराव लहाने ने कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस के मामले बढ़ रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के विभिन्न हिस्सों में अब तक उपचार करानेवाले ऐसे 200 मरीजों में से आठ की म्यूकोरमाइकोसिस, जिसे काला कवक भी कहा जाता है, की वजह से मौत हो गई है। ये लोग कोविड-19 से बच गए थे, लेकिन कवक संक्रमण ने उनकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता पर हमला किया जो जानलेवा साबित हुआ।’’ 

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने शुक्रवार को कहा था कि म्यूकोरमाइकोसिस रोग म्यूकर नाम के कवक की वजह से होता है जो नम सतहों पर पाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा था कि जब कोविड-19 मरीज को ऑक्सीजन प्रणाली पर रखा जाता है तो उसमें वायु को नम रखनेवाला जलयुक्त उपकरण लगा होता है, ऐसी स्थिति में मरीज के कवक संक्रमण की चपेट में आने का जोखिम बढ़ जाता है। 

डॉक्टर लहाने ने कहा कि कवक संक्रमण की बीमारी के बारे में पहले से ही पता है, लेकिन इसके मामले कोविड-19 संबंधी जटिलताओं की वजह से बढ़ रहे हैं जिसमें स्टेरॉइड दवाओं का इस्तेमाल कई बार रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा देता है और कुछ दवाओं का परिणाम रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के रूप में निकलता है।

गुजरात में कई मरीजों ने कोविड-19 को दी मात पर ‘म्यूकोरमाइकोसिस’ ने छीनी आंखों की रोशनी 

गुजरात में कोविड-19 को मात देने के बाद कवक (फंगल)संक्रमण ‘म्यूकोरमाइकोसिस’ की वजह से आंखों की रोशनी गंवाने के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। यह दावा डॉक्टरों और अधिकारियों ने शनिवार को किया। सूरत स्थित किरण सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष माथुर सवानी ने बताया कि कोविड-19 से तीन हफ्ते पहले ठीक हुए मरीज में म्यूकोरमाइकोसिस का पता चला है। 

सवानी ने बताया, ‘‘यह संख्या 50 तक पहुंच गई है जबकि 60 और मरीज इसके इलाज का इंतजार कर रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि धर्मार्थ संस्था द्वारा संचालित उनके अस्पताल में सूरत और गुजरात के अन्य इलाकों से ऐसे मरीज आ रहे हैं जिनमें म्यूकोरमाइकोसिस संक्रमण होने का पता चला है। सवानी ने बताया, ‘‘इस समय 50 मरीजों का किरण अस्पताल में म्यूकोरमाइकोसिस का इलाज चल रहा है जबकि 60 अन्य मरीज इलाज का इंतजार कर रहे हैं। वे सभी मरीज गत तीन हफ्ते में आए हैं। म्यूकोरमाइकोसिस से पीड़ित सभी मरीज हाल में कोविड-19 से ठीक हुए थे।’’

उनके मुताबिक अबतक सात लोग अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं। रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर प्रभारी डॉ. केतन नाइक ने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए सूरत सिविल अस्पताल में उनका इलाज करने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। 

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में आंख-कान-नाक के डॉक्टर देवांग गुप्ता ने बताया, ‘‘यहां हमारे पास रोज पांच से 10 मरीज म्यूकोरमाइकोसिस के आ रहे हैं, खासतौर पर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद। इन मरीजों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जा रही है और यथाशीघ्र ऑपरेशन किया जा रहा है।’’

उन्होंने बताया कि मानवबल, उपकरण, इंजेक्शन सहित तमाम संसाधन सरकार ने म्यूकोरमाइकोसिस मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पांच में से एक मरीज आंखों से जुड़ी समस्या लेकर आ रहा है। उनमें से कई अंधेपन का सामना कर रहे हैं।’’ नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने भी शुक्रवार को कहा था कि कोविड-19 मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस के मामले आ रहे हैं।

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