नयी दिल्ली: महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण हुईं भूस्खलन की घटनाओं के बाद 73 शव बरामद किए गए हैं और 47 लोग लापता हैं। एनडीआरएफ ने रविवार को यह जानकारी दी। बल के महानिदेशक एस एन प्रधान ने राज्य के रायगढ़, रत्नागिरी और सातारा जिलों में चलाए जा रहे अपने अभियान पर ताजा आंकड़ों की जानकारी ट्वीट के माध्यम से दी। आंकड़ों के अनुसार, एनडीआरएफ ने इन इलाकों से कुल 73 शव बरामद किए हैं जिनमें से सबसे अधिक 44 शव रायगढ़ की महाड तहसील के सबसे अधिक प्रभावित तलीये गांव से बरामद किए गए हैं।
दोपहर 12 बजकर 19 मिनट पर किए गए ट्वीट के अनुसार, इन तीन जिलों में 47 लोग लापता हैं। ट्वीट में कहा गया है कि एनडीआरएफ रायगढ़ में भूस्खलन से प्रभावित तलीये, रत्नागिरी में पोरासे और सातारा जिले में मीरगांव, अंबेघर और ढोकावाले में बचाव एवं राहत कार्यों में लगा हुआ है। राज्य सरकार के शनिवार तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र के पुणे और कोंकण क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और कुछ इलाकों में हुईं भूस्खलन की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर शनिवार को 112 हो गयी। इनमें से 52 लोगों की मौत अकेले तटीय रायगढ़ जिले में हुई। राज्य में 1,35,313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है जिनमें से सांगली जिले के 78,111 और कोल्हापुर जिले के 40,882 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
सातारा में लापता लोगों की तलाश जारी, मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग बाधित पुणे
महाराष्ट्र के सातारा जिले में रविवार को बारिश की तीव्रता कम हुई और अधिकारियों ने भूस्खलन की घटनाओं के बाद लापता हुए लोगों की तलाश में अभियान चलाया है। वहीं, पड़ोसी कोल्हापुर के जलमग्न होने के कारण मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर यातायात ठप है। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र के सातारा में बारिश से संबंधित घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर शनिवार को 28 हो गयी और कम से कम 14 लोग लापता हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार रात तक अंबेघर गांव में भूस्खलन के बाद वहां से 11 शव बरामद किए गए, छह शव मीरगांव और चार शव ढोकावाले गांव से बरामद किए गए। इसके अलावा सातारा जिले में बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गयी।
एनडीआरएफ और जिला प्रशासन के अनुसार, ढोकावाले में तलाश अभियान शनिवार रात को पूरा हो गया। सातारा के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने कहा, ‘‘लापता लोगों की तलाश में अभियान सुबह से शुरू हो गया है। हम दोपहर तक अभियान पूरा कर लेंगे। गत शाम से कम बारिश के कारण राहत है जिससे तलाश अभियान तेज करने में मदद मिलेगी।’’ स्थानीय प्रशासन के अनुसार, पिछले तीन दिनों में भारी बारिश के कारण जिले में 379 गांव प्रभावित हैं और 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। पड़ोसी कोल्हापुर में भी बारिश कम हुई है और राजाराम में पंचगंगा नदी में जल स्तर कम होकर 52 फुट तक आ गया है लेकिन यह अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक शैलेश बाल्कावाडे ने कहा, ‘‘शिरोली गांव के समीप सड़क के डूबे होने के कारण मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर यातायात अब भी ठप है।’’ जिले के संरक्षक मंत्री सतेज पाटिल ने शनिवार को कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से 74,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। एनडीआरएफ के छह दल और सेना की एक टुकड़ी बाढ़ग्रस्त इलाकों में बचाव अभियान चला रही है। पड़ोसी सांगली जिले में इर्विन ब्रिज पर कृष्णा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।