मुंबई: महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 301 और मरीजों की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 57,329 पर पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इसके साथ ही महामारी के 58,993 नए मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 32,88,540 हो गई। पिछले कुछ दिनों से राज्य में संक्रमण के 55,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इस साल सात अप्रैल को एक दिन में सर्वाधिक 59,907 मरीज सामने आए थे। महाराष्ट्र में अब तक 26,95,148 लोग ठीक हो चुके हैं और अभी 5,34,603 मरीज उपचाराधीन हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक वक्तव्य में बताया कि 301 में से 158 मौत पिछले 48 घंटे में हुई। वहीं, पुणे शहर में संक्रमण के 5714 और पिंपरी चिंचवड़ में 2,026 नए मामले सामने आए। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सप्ताहांत पर लगाया गया लॉकडाउन शुक्रवार रात से प्रभावी होगा।
महाराष्ट्र में कोरोना की वजह से बिगड़ते हालात को देखते हुए राज्य में कड़ा लॉकडाउन लग सकता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि कोविड-19 मामलों की वृद्धि के मद्देनजर राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए दो से तीन सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन आवश्यक है। टोपे ने साथ ही कहा कि ऐसा कदम तब उठाया जा सकता है जब सरकार स्थिति से निपटने में असमर्थ हो। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जतायी कि वर्तमान समय में लागू पाबंदियों से सरकार मामलों में बढ़ोतरी से निपट सकेगी। टोपे ने यह भी स्वीकार किया कि सरकार द्वारा संक्रमण में बढ़ोतरी को काबू पाने के बाद 'चलता है' रवैया आ गया था।
टोपे ने कहा, ‘‘हमें 15 दिनों से लेकर तीन सप्ताह तक पूर्ण लॉकडाउन की आवश्यकता होगी, हालांकि मैं तत्काल उसके पक्ष में नहीं हूं। यदि अस्पतालों में दवाओं की कमी हो और यदि सरकार रोगियों की बढ़ती संख्या का सामना करने में असमर्थ हो, तब ऐसा कदम उठाया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए लॉकडाउन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम वायरस को वर्तमान पाबंदियों के साथ काबू कर सकते हैं। हम सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद कर रहे हैं।’’
वहीं कांग्रेस नेता और मंत्री विजय वडेट्टीवार ने भी इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता की जान बचाने के लिए लॉकडाउन बहुत जरूरी है। वडेट्टीवार ने कहा कि ऐसी मुसीबत की घड़ी में केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना वैक्सीन भी राज्य को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। जबकि गुजरात को जरूरत से ज्यादा वैक्सीन दी गई है। ऐसे में नागरिकों की जान बचाना सबसे अहम है। लिहाजा लॉकडाउन करना जरूरी लग रहा है।
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