अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह है। हर गली, हर मोहल्ले और हर शहर में भगवान राम की धुन पर लोग भक्ति में डूबे हैं। जगह-जगह रामोत्सव हो रहा है। कहीं लोग दीप जला रहे हैं तो कहीं गरबा खेलकर अपने प्रभु का स्वागत कर रहे हैं। देश के कोने-कोने से लोग समारोह के लिए तरह-तरह के उपहार और सामग्रियां भेज रहे हैं। वहीं, अमरावती के रुक्मणी पीठाधीश्वर राजेश्वर सरकार इनको प्रभु रामचंद्र के मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रित हैं, उनके पावन हाथों से कुमकुम अयोध्या ले जाया जा रहा है।
लोगों ने अपने घर से लाकर भरा कुमकुम का कलश
अमरावती के राजकमल चौक में एक बड़ा कलश रखा गया था जहां लोगों ने अपने घर से थोड़ा-थोड़ा कुमकुम लाकर इसे भर दिया। अब यह 500 किलो कुमकुम अयोध्या भेजा जाएगा। राजेश्वर सरकार का कहना है कि 550 बरस बाद रामलला अपने स्वयं के मंदिर में विराजमान होने वाले हैं। उन्होंने कहा, इतने सालों का रक्त रंजित संघर्ष को याद रखते हुए 550 साल तक प्रभु रामचंद्र को कुमकुम नहीं लगा इसीलिए सनातन धर्म के सभी हिंदू बंधुओं के एक आह्वान पर 500 किलो कुमकुम इकट्ठा किया। इसे मैं अपने प्रभु रामचंद्र का राजतिलक करने के लिए लेकर जा रहा हूं।
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चांदी के छोटे से कलश में प्रतीकात्मक कुमकुम राजेश्वर सरकार माउली के सिर पर रखकर रवाना किया। इसके अलावा उनके साथ में 500 किलो कुमकुम का कलश भी रवाना किया गया।
(Reported by- Maya Dolas)
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