एमपी गजब है, और तमाम खेमों में बंटी कांग्रेस पार्टी और भी अजब है। यहां इसी साल सत्ता खोने वाली कांग्रेस की यूथ विंग की हालत इतनी खराब है कि उन्हें अपने पार्टी के नेताओं की भी खबर नहीं हैं। हद तो तब हो गई जब मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस ने एक ऐसे नेता को अपना महासचिव चुन लिया जो 8 महीने पहले ही पार्टी को छोड़ बीजेपी में शामिल हो चुका है। पार्टी की तरफ से जारी पदाधिकारियों की सूची में उसका नाम भी शामिल है।
दरअसल, यूथ कांग्रेस के महासचिव चुने गए हर्षित सिंघई 8 माह पूर्व ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बावजूद इस चुनाव में उसे महासचिव पद पर चुन लिया गया। दरअसल, जबलपुर निवासी हर्षित सिंघई बरसों से कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे थे और वे सिंधिया समर्थक माने जाते हैं। हर्षित सिंघई को चुनाव में 12 वोट भी मिल गए और वे महासचिव के लिए चुन लिए गए
खुद दी गड़बड़ी की जानकारी
मध्य प्रदेश में पिछले हफ्ते ही यूथ कांग्रेस के चुनाव संपन्न हुए हैं। इस चुनाव के दौरान ऑनलाइन वोटिंग की व्यवस्था रखी गई थी और उसमें हर्षित सिंघई को महासचिव पद का प्रत्याशी बनाया गया था। इस पर हर्षित सिंघई ने कांग्रेस के नेताओं से संपर्क करके उन्हें इस गलती के लिए सूचित भी किया और नाम हटाने का अनुरोध भी किया था, लेकिन पार्टी संगठन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
खुली धांधली की पोल
हर्षित सिंघल का कहना हैं उन्हें बिना चुनाव लड़े ही कांग्रेस पार्टी ने जबलपुर उत्तर विधानसभा से जनरल सेकेट्री बना दिया। जबकि वह बहुत पहले भाजपा जॉइन कर चुके हैं। उन्होंने यूथ कांग्रेस इलेक्शन पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि पूरे इस चुनाव में खूब धांधली हुई है।