मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों गर्म बयानों की आंधी चल रही है। दिवाली के दौरान इंदौर में पटाखों को लेकर हुए विवाद ने न सिर्फ सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित किया, बल्कि राजनीतिक बयानबाजी के एक नए दौर की शुरुआत भी की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव से लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी तक, सभी ने एक-दूसरे के खिलाफ तीखे बयान दिए हैं। इन बयानों को राजनीतिक विश्लेषक "योगी इफेक्ट" के तहत देख रहे हैं, क्योंकि इसके अंदाज में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छाप साफ नजर आ रही है।
सीएम यादव का तीखा बयान
दिवाली के बाद पटाखों के विवाद पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "पटाखे फूटने दो, एक-एक आवाज दुश्मन के सीने में बंदूक की गोली की तरह लगेगी। हम किसी को डराते नहीं हैं, लेकिन हमें कोई डराए, यह भी हम मंजूर नहीं करेंगे। हिंदू कभी किसी को छेड़ते नहीं, लेकिन अगर हिंदुओं को कोई छेड़े तो हम उन्हें छोड़ेंगे नहीं।" मुख्यमंत्री का यह बयान विवादों का कारण बना और इसके बाद बीजेपी के अन्य नेता भी खुलकर सामने आए।
कैलाश विजयवर्गीय का "योगी स्टाइल" बयान
इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय जो भाजपा के वरिष्ठ नेता और इंदौर से विधायक हैं, ने भी बयान दिया। विजयवर्गीय ने कहा, "प्रशासन सक्रिय है, कार्रवाई करेगा और अगर सही चेहरा पहचाना नहीं गया, तो मैं भी देखूंगा इंदौर में कौन शांति फैला रहा है। मेरे हाथ लग गए तो उल्टा लटकाकर शहर में घुमाऊंगा। अगर हमें लगेगा कि हमें भी इनवॉल्व होना है, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।" विजयवर्गीय का यह बयान और भी तीखा था, जिसमें उन्होंने खुद को प्रशासन से भी आगे बता दिया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का जवाब
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस सब पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव के बयान को "छुटभैया नेता" की भाषा बता दिया। पटवारी ने कहा, "मुख्यमंत्री का बयान छुटभैया नेताओं की तरह है, जिसे सत्ताधारी नेता नहीं दे सकते। यह बयान प्रदेश के मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता।"
जीतू पटवारी के बयान पर कैबिनेट मंत्री
जीतू पटवारी के इस बयान के बाद बीजेपी की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया आई। मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने पटवारी के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा, "जीतू पटवारी माफी मांगे। यह बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
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