Highlights
- नरोत्तम मिश्रा कहा- राहुल, दिग्विजय.सोनिया का कोई रिएक्शन आया ?
- इससे जाहिर है कि ये लोग देश तोड़नेवाले लोगों के पीछे खड़े हैं-मिश्रा
Yasin Malik : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कश्मीर (Kashmir) के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को कांग्रेस (Congress) द्वारा वित्त पोषित आतंकवादी (Terrorist) करार दिया है।
राहुल, दिग्विजय, सोनिया की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई-मिश्रा
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा- यासीन मलिक (Yasin Malik) के मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का कोई ट्वीट या प्रतिक्रिया आई क्या? दिग्विजय सिंह का ट्वीट या कोई प्रतिक्रिया आई ? सोनिया गांधी की कोई प्रतिक्रिया आई ? इससे साबित हो जाता है कि यासीन मलिक कांग्रेस द्वारा पोषित आतंकवादी था।
कांग्रेस देश तोड़नेवाले लोगों के साथ-मिश्रा
नरेत्तम मिश्रा ने आगे कहा कि कोर्ट ने उसे आंतकवादी घोषित किया है। यह किसी राजनीतिक दल का आरोप नहीं है, वैसे तो उसने खुद टीवी पर हत्या करने की बात कबूल ली थी। इसके बाद नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि देश तोड़नेवालों के पीछे कांग्रेस और दिग्जिवय सिंह का हाथ है। टुकड़े-टुकड़े गैंग के पीछे यही लोग हैं ये साबित हो गया है।
टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा
यासीन मलिक को बुधवार को टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। यासीन के इन अपराधों का मकसद ‘देश के दिल पर हमला करना’ और भारत संघ से जम्मू-कश्मीर को जबरदस्ती अलग करने का था। स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। जज ने एनआईए की तरफ से फांसी की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मलिक को जिन अपराधों के लिये दोषी ठहराया गया है वे गंभीर प्रकृति के हैं।
यासीन को जेल नंबर सात में अलग कोठरी में रखा गया
यासीन मलिक को को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल की एक अलग कोठरी में रखा गया है। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “सुरक्षा कारणों से, मलिक को जेल में कोई काम नहीं सौंपा जा सकता है। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच जेल नंबर सात में अलग कोठरी में रखा गया है। उसकी सुरक्षा की नियमित निगरानी की जाएगी।’’ जेल अधिकारियों ने कहा कि मलिक को क्योंकि आतंकी वित्तपोषण के मामले में दोषी ठहराया गया है इसलिए वह किसी पैरोल या फरलो का भी हकदार नहीं होगा। उन्होंने बताया कि आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने से पहले भी मलिक को अलग कोठरी में रखा गया था, जहां वह जेल नंबर सात में अकेला रहता था।