MP News: मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा आखिरकार हो ही गई। अनपेक्षित नाम की घोषणा के साथ ही हैरानी भी हुई। उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव का नाम बीजेपी विधायक दल की बैठक में लिया गया। खुद शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव किया। इसके बाद नए मुख्यमंत्री के पद पर मोहन यादव के नाम की मुहर लग गई। हालांकि इस घोषणा पर हैरानी भी हुई। लेकिन मोहन यादव को सभी प्रदेश के मौजूद विधायकों, मंत्रियों ने बधाई दी। जब शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें गुलदस्ता भेंटकर बधाई दी तो सभी की निगाहें स्टेज पर इन दोनों नेताओं पर ही टिकी हुई थी। यह भी कि शिवराज सिंह चौहान की प्रतिक्रिया क्या होगी। लेकिन जब शिवराज सिंह ने मोहन यादव को गुलदस्ता भेंटकर बधाई दी तो मोहन यादव ने शिवराज सिंह चौहान के पैर छू लिए। पैर छूए तो शिवराज सिंह चौहान ने उनके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया।
शिवराज ने मोहन यादव के लिए क्या दी पहली प्रतिक्रिया?
शिवराज सिंह चौहान ने मुस्कुराते हुए मोहन यादव को आशीर्वाद दिया। जाहिर है कि 17 साल तक सूबे के सीएम बने रहने के बाद शिवराज का कद तो मध्यप्रदेश की राजनीति में कितना बड़ा है, यह जगजाहिर है। शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव के सीएम पद के नाम की घोषणा के बाद मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। कहा कि वे बाद में बात करेंगे। फिर थोड़ी ही देर बाद शिवराज सिंह चौहान का ट्वीट आ गया। उन्होंने ट्वीट यानी 'एक्स' पर पोस्ट करके मोहन यादव को जीत की बधाई दी और उम्मीद जताई कि वे जहां तक मध्यप्रदेश को आगे लेकर आए हैं, उसके आगे मोहन यादव ले जाएंगे।
एमपी की राजनीति में काफी बड़ा है शिवराज का कद
शिवराज सिंह चौहान सर्वमान्य नेता हैं। पूर्व में मंडला, शहडोल से लेकर पश्चिमी में आलीराजपुर तक और उत्तर में दतिया, भिंड से लेकर दक्षिण में बुरहानपुर और बालाघाट तक उनकी सर्व लोकप्रियता जगजाहिर रही है। 17 साल तक सीएम बने रहने के बाद पद से त्यागपत्र देना, शिवराज के लिए थोड़ा तो कठिन पल रहा होगा। लेकिन वे हमेशा से ही जुझारू व्यक्तित्व के धनी रहे हैं।
एमपी का सर्वमान्य चेहरा रहे हैं शिवराज सिंह
जब कांग्रेस की जीत के बाद 2019 में कमलनाथ की सरकार आई थी तो उन्होंने अपना श्यामला हिल्स का सीएम बंगला छोड़ने में जरा भी देर नहीं की थी। वे अपने पद के प्रति ईमानदार बने रहे। यही कारण है कि वे बीजेपी की पार्टी में भी सभी नेताओं, विधायकों और मंत्रियों के चहेते रहे हैं। यही कारण है कि जब उन्होंने मोहन यादव को बधाई दी तो मोहन यादव ने झट से शिवराज सिंह के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।