मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर से एक दुखद घटना सामने आई है। यहां के एक बुजुर्ग ने दुकान हटाए जाने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली। दरअसल, अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के दौरान बुजुर्ग की दुकान हटा दी गई थी। इससे आहत बुजुर्ग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना पलासिया थाना क्षेत्र में चंद्रलोक कॉलोनी की है। इस कॉलोनी में बुजुर्ग अनिल यादव रहते थे। उन्होंने अपने घर के बाहर एक छोटी सी दुकान बना रखी थी।
तोड़ी गई बुजुर्ग की दुकान
नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ मुहिम के तहत दुकान को हटा दिया गया। इस घटना के बाद अनिल यादव ने आत्महत्या कर ली। पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें कई लोगों पर आरोप लगाए गए हैं। पड़ोसियों का कहना है कि अनिल यादव अपने घर के बाहर भरण-पोषण के लिए दूध की दुकान चलाया करते थे। यही उनकी आय का बड़ा जरिया था, लेकिन नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ मुहिम के जरिए उस दुकान को तोड़ दिया गया।
जवाब देने का नहीं दिया समय
निगम की ओर से उन्हें नोटिस दिया गया था, लेकिन जवाब देने का वक्त ही नहीं दिया गया और अनिल अपनी बात भी उनके सामने नहीं रख पाए। इससे वह काफी आहत थे और मंगलवार की रात को खाना भी नहीं खाया और बेचैन रहे। इतना ही नहीं कई लोगों से उन्होंने अपना दर्द भी साझा किया। इसके बाद उन्होंने फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
"दुकान अतिक्रमण में नहीं थी"
इसी क्षेत्र के निवासी अखिलेश का कहना है कि अनिल यादव की दुकान अतिक्रमण में नहीं थी, लेकिन कुछ लोगों ने साजिश रचकर उनकी दुकान तुड़वाने का काम किया। आशंका तो इस बात की भी है कि किसी व्यक्ति की नगर निगम के अधिकारी से जान-पहचान रही होगी और उसने इस कार्रवाई को कराया है। (IANS)
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