Wednesday, November 06, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मध्य-प्रदेश
  3. मध्य प्रदेश में उमा भारती की सक्रियता के क्या हैं सियासी मायने

मध्य प्रदेश में उमा भारती की सक्रियता के क्या हैं सियासी मायने

उमा भारती की बढ़ती सक्रियता को सियासी चश्मे से देखने वालों का मानना है कि वे यूं ही सक्रिय नहीं हुई है। इसके पीछे खास सियासी योजना होगी। वे राज्य से चुनाव तो लड़ना ही चाहती है, साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दवाब भी बनाना चाहती है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 12, 2022 15:36 IST
Uma Bharti- India TV Hindi
Image Source : PTI Uma Bharti

भोपाल: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती की अपने गृह राज्य में एक बार फिर सक्रियता बढ़ गई है। उनकी इस सक्रियता के सियासी मायने खोजे जाने लगे हैं क्योंकि वे वर्ष 2024 का चुनाव लड़ने का पहले ही ऐलान कर चुकी हैं। मध्यप्रदेश में भाजपा की वर्ष 2003 में सरकार बनाने में उमा भारती की महत्वपूर्ण भूमिका थी, मगर राजनीतिक हालातों के चलते वे ज्यादा दिन तक राज्य की मुख्यमंत्री नहीं रह पाई। उसके बाद उन्होंने जनशक्ति पार्टी बनाई और समीकरण ऐसे बने कि उनका राज्य की राजनीति में दखल लगातार कम होता गया। भाजपा में वापसी तो हो गई, मगर उन्हें मध्य प्रदेश छोड़कर उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रवेश करने को मजबूर होना पड़ा।

उमा भारती ने उत्तर प्रदेश से लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा और निर्वाचित भी हुई, परंतु उन्होंने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और खुद को गंगा स्वच्छता अभियान में लगाने की बात कही थी। अब वे खुद को राजनीतिक मैदान में सक्रिय करना चाहती हैं और पूर्व में कई बार कह चुकी हैं कि वह वर्ष 2024 में चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

एक तरफ उमा भारती की चुनावी राजनीति में प्रवेश की घोषणा, फिर मध्यप्रदेश में शराबबंदी के लिए अभियान की शुरूआत, उन्होंने शराब दुकान पर पत्थर तक चलाए। अब रायसेन जिले में सोमेश्वर महादेव के मंदिर में जल चढ़ाने की अनुमति न मिलने और ताला न खुलने की स्थिति में उमा भारती ने अन्न त्याग की घोषणा कर दी है। यह दो मामले ऐसे हैं जिनके जरिए वे राज्य में अपनी सक्रियता बढ़ाने के संकेत दे रही है।

कुल मिलाकर सियासी तौर पर देखा जाए तो उमा भारती ने मध्य प्रदेश की राजनीति में पूरी तरह सक्रिय होने का मन बना लिया है और इसकी शुरुआत उन्होंने एक तरफ जहां सामाजिक (शराबबंदी) तो दूसरी तरफ धार्मिक आंदोलन (सोमेश्वर मंदिर का ताला खुलवाने) के जरिए की है। जानकारों का मानना है कि इन दोनों अभियानों से उन्हें उम्मीद है कि आधी आबादी के साथ समाज में शांति चाहने वाले और धार्मिक मान्यताओं में आस्था रखने वालों का उन्हें भरपूर साथ मिलेगा। लिहाजा आने वाले दिनों में उनकी सक्रियता और तेज हो सकती है।

उमा भारती की बढ़ती सक्रियता को सियासी चश्मे से देखने वालों का मानना है कि वे यूं ही सक्रिय नहीं हुई है। इसके पीछे खास सियासी योजना होगी। वे राज्य से चुनाव तो लड़ना ही चाहती है, साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दवाब भी बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री पर दवाब बनाने की वजह भी है क्योंकि उमा भारती के बड़े विरोधियों में गिनती मुख्यमंत्री चौहान की होती है। इतना ही नहीं, इन अभियानों को लेकर उमा भारती को राष्ट्रीय स्तर से भी किसी का जरूर साथ मिला होगा।

(इनपुट- एजेंसी)

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement