नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में सीनियर एडवोकेट और संसद सदस्य विवेक के. तन्खा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर कहा कि आपका निर्णय अखबार की सुर्खियों में है कि राज्य में सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवा वर्ग का शत प्रतिशत आरक्षण निश्चित किया जाएगा। उन्होनें कहा कि यह घोषणा लुभावन अवश्य प्रतीत होती है किन्तु इसे वर्तमान के धरातल पर उतारने में व्यावहारिक कठिनाइयों की अनदेखी की गई है।
तन्खा ने कहा कि मैंने स्वयं भी प्रदेश के युवाओं के रोजगार हेतु प्रदेश के बाहर पलायन पर सदैव चिंता व्यक्त की है। उन्होनें कहा कि जबलपुर इसका जीवंत उदाहरण है। निश्चित ही प्रदेश के संसाधनों पर सदैव पहला हक प्रदेश का है- यहां के युवाओं का है।
उन्होनें कहा कि आज हमारे 28 लाख युवा बेरोजगार हैं। यह आंकड़ा सिर्फ सरकारी पंजीकृत युवा बेरोजगारी का है। उन्होनें कहा कि आरक्षण संबंधी कोई भी घोषणा करने से पूर्व हमें यह याद रखना होगा कि देश के संविधन के छत्र तले सभी राज्य आरक्षण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों से बंधे हुए है। कोई भी लोक लुभावन घोषणा करने के पूर्व आवश्यक निर्देशों का पालन करना सर्वथा आवश्यक है।
उन्होनें कहा कि ऐसा प्रतीत होता है प्रदेश के युवाओं के समक्ष ऐसी घोषणा करने में आपने जल्दबाजी की एवं आरक्षण के संबंध में आवश्यक नियमों एवं कानून को ध्यान में नहीं रखा। उन्होनें कहा कि मुझे उम्मीद है कि आपके द्वारा की गई घोषणाएं प्रदेश की जनता के हितैषी के रुप में होगा ना कि मात्र राज्य में शीघ्र होने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर प्रदेश के युवाओं का ध्यान भटकाने हेतु।