मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वर्ल्ड टाईगर डे पर शेर और टाइगर की कहानी सुनाते हुए कहा कि जंगल का असली राजा टाइगर होता है। आमतौर पर लोग शेर को जंगल का राजा मानते हैं, लेकिन वह पुरुषार्थ नहीं करता। इसलिए वह जंगल का राजा नहीं कहा जा सकता। सीएम मोहन यादव ने कहा कि शेर को जंगल का राजा कहना गलत है क्योंकि शेर आलसी होता है। विश्व बाघ दिवस के मौके पर भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में वन विभाग के कार्यक्रम में मोहन यादव ने यह बात कही।
मुख्य मंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने भाषण में बाघ और शेर की तुलना की। मुख्य मंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों से पूछा “ जंगल का राजा कौन ? सभी कहेंगे जंगल का राजा शेर होता है। मगर हम अपने बाघ के साथ अन्याय कर रहे हैं।
शेर अपने बूते नहीं कमाता-खाता
जंगल का राजा लोग शेर मानते है मगर जंगल का राजा शेर थोड़ी है। शेर की जिंदगी में अगर घुसोगे तो देखोगे की शेर बड़े ही लंबे बाल वाला दिखता है मगर वो अपना परिवार बसा कर चलने वाला जानवर है। मगर कमाने-खाने में आलसी है। वो अपने बल बूते पर नहीं कमाता खाता है। जो अपने बल-बूते पर कमाने खाने की हिम्मत नहीं रखता है वो कैसे राजा हो सकता है ? शेर के लिए कोई और शिकार करता है। परिवार के लोग शिकार करते हैं। जब शिकार हो जाता है तब शेर कहता है सबसे पहले मैं शिकार खाउंगा। यानी इस संस्कृति के तो हम विरोधी है। हमारे में पुरुषार्थ होना चाहिए, पराक्रम होना चाहिए और ये पुरुषार्थ-पराक्रम टाइगर दिखाता है।
बाघ है जंगल का राजा
मुख्य मंत्री मोहन यादव ने बाघ और टाइगर के शिकार करने के तरीके के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि टाइगर है जो अपना शिकार खुद करता है और खाता है। वह शिकार भी कमजोर जानवर का नहीं करता। सही मायने में टाइगर पुरुषार्थ करके कमाता खाता है। कुल मिलाकर उन्होंने कहा शेर को जंगल का राजा कहना गलत है। जंगल का राजा बाघ होता है।
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