मध्य प्रदेश के इंदौर में एक बेटे को लगभग एक साल बाद अपने खोए हुए पिता मिल गए। बेटे ने किसी के कहने पर पिता को मृत मान लिया था और उनका पिंडदान-तेरहवीं भी कर चुका था। हालांकि, इन सब के बाद जब पिता वापस मिले तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह 1600 किलोमीटर दूर आकर अपने पिता को साथ ले गया। घर के बुजुर्ग को वापस पाकर परिवारजनों ने उनकी आरती उतारी तो बुजुर्ग की आंखों से आंसू बहने लगे। अंत में उन्होंने कहा कि वह कई साल तक जीना चाहते हैं और उनके बेटे जल्दी पिंडदान नहीं करना होगा।
इंदौर सेंटर कोतवाली थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन पर 19 जुलाई 2023 के दिन एक 65 वर्षीय वृद्ध मिले थे। वह चलने फिरने में असमर्थ थे और उनके साथ कोई नहीं था। ऐसे में वृद्ध को एक निजी आश्रम पहुंचा दिया गया। सोशल मीडिया के माध्यम से वृद्धि के परिजनों को ढूंढा जा रहा था क्योंकि, वृद्ध बोलने में पूरी तरह समर्थ नहीं थे। वह बोल तो सकते थे, लेकिन अपने घर का पता या बच्चों का नाम स्पष्ट तरीके से नहीं बता पा रहे थे।
गुस्से में घर से निकले थे
आश्रम की तरफ से सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वृद्धि के परिजनों को ढूंढने के लिए वीडियो जारी किया गया था। बुजुर्ग हमेशा अपने मुंह से मिर्जापुर का नाम लेते थे। ऐसे में मिर्जापुर के सभी ग्रुप में जानकारी दी गई। इसके बाद पता चला कि 65 वर्षीय ओमप्रकाश जायसवाल कोलकाता के रहने वाले हैं और उनके भाई मिर्जापुर रहते थे। परिवार में कुछ नाराजगी के बाद अचानक ट्रेन में बैठकर इंदौर आ गए थे।
एक साल पहले ही पिंडदान कर चुका बेटा
आश्रम के यश पराशर ने कोलकाता में बैठे राहुल से संपर्क किया तो जानकारी मिली कि 1 साल पहले ही राहुल अपने पिता की तेरहवीं और पिंडदान कर चुका है। राहुल ने बताया कि अनजान व्यक्ति ने फोन कर उसे पिता की मृत्यु की जानकारी दी थी। राहुल ने जब वीडियो कॉल पर पिता को देखा तो भावुक हो गया और तत्काल इंदौर पहुंच आश्रम में पिता से मुलाकात की। राहुल की खुशी बयां नहीं की जा सकती वृद्ध ओमप्रकाश भी अपने बेटे को देखकर भावुक हो गए। सोशल मीडिया पर अपने पिता की जानकारी लगने के बाद बेटा इंदौर के निराश्रित आश्रम पहुंचा और पिता को लेकर कोलकाता ले गया।
(इंदौर से भारत पाटिल की रिपोर्ट)