Highlights
- बस में सवार 26 लोगों की हुई थी मौत, इनमें से 25 मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के निवासी
- जिन लोगों की मौत हुई उनमें सबसे ज्यादा 8 लोग बुद्ध सिंह साटा गांव के रहने वाले
- द्विवेदी परिवार के तीन जोड़ों का एक साथ हुआ अंतिम संस्कार
Uttarakhand Bus Accident: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के साटा बुद्ध सिंह गांव में मंगलवार को हर तरफ रुदन ही सुनाई दे रहा था। हर किसी की आंखें नम थीं तो अपनों के जाने का कोई भी शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा था। इस गांव में जब से उत्तराखंड में हुए हादसे की सूचना पहुंची थी तभी से कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले थे। बता दें कि चारधाम की यात्रा पर गए लोगों की बस उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रविवार की रात को हादसे का शिकार हो गई थी। जिसमें 26 लोगों की मौत हई थी, इसमें 24 पन्ना और एक छतरपुर जिले की निवासी थी।
द्विवेदी परिवार के तीन जोड़ों का एक साथ अंतिम संस्कार
पन्ना जिले का साटा बुद्ध सिंह ऐसा गांव है, जहां के आठ लोगों ने इस हादसे में जान गंवाई। इस गांव के द्विवेदी परिवार के छह और राजेंद्र सिंह के परिवार के दो लोगों ने जान गंवाई। द्विवेदी परिवार सदमे में है क्योंकि उनके घर के तीन जोड़े चारधाम की यात्रा पर गए थे जिनका एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। पहली चिता में दिनेश प्रसाद द्विवेदी, पत्नी प्रभा द्विवेदी, दूसरी चिता में उनकी मां, तीसरी चिता में चचेरे भाई हरि नारायण द्विवेदी, उनकी पत्नी हरि बाई, चौथी चिता में भाई रूपनारायण का दाह संस्कार किया गया।
उत्तराखंड से भारतीय वायुसेना के विमान से सभी तीर्थयात्रियों के शवों को खजुराहो लाया गया था। जहां से प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई एंबुलेंस के जरिए उनके घरों तक भेजा गया था। इन सभी शवों को लेकर क्षेत्रीय सांसद विष्णुदत्त शर्मा देहरादून से खजुराहो पहुंचे थे। वहीं पन्ना के कलेक्टर संजय मिश्रा ने प्रभावित परिवारों की मदद में कोई कसर नहीं छोड़ी।
तीर्थ यात्रा पर जाने वालों को गांव वालों ने हंसी खुशी किया था विदा
उत्तराखंड के हादसे की सूचना के बाद से उन सभी गांव जहां के लोग तीर्थयात्रा पर गए थे मातम छाया हुआ है। बुद्ध सिंह साटा गांव में तो मंगलवार को जो व्यक्ति भी पहुंचा उसकी आंखें नम हो गईं। महिलाओं, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के रुदन ने गांव को पूरी तरह दुख के सागर में डुबो दिया।
क्षेत्रीय सांसद ने हादसे का शिकार बने परिवारों के सदस्यों से मुलाकात कर उनका ढांढस बंधाया। मृतकों के शवों पर पुष्पांजलि अर्पित की और भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है। इसी तरह मोहेंद्रा गांव में भी हर तरफ मातम था क्योंकि यहां के चार लोगों ने उत्तराखंड हादसे में जान गंवाई थी। उनकी जब अंतिम यात्रा निकली तो हर कोई गमगीन हो गया। उत्तराखंड में हादसे का शिकार हुए लोगों के परिजनों को केंद्र व राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी गई है। वहीं घायलों के उपचार का भी सरकार ने इंतजाम किया है।