भोपाल: मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में एक अविवाहित बलात्कार पीड़िता ने सामाजिक कलंक के डर से अपने नवजात शिशु की हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, बच्चे को जन्म देने वाली युवती का पिछले साल एक अज्ञात व्यक्ति ने यौन उत्पीड़न किया था। उसकी गर्भावस्था के बारे में पता चलने पर पुलिस ने उसके परिवार से बच्चे के जन्म के बारे में सूचित करने के लिए कहा था, लेकिन सामाजिक कलंक के डर से परिवार ने इसे मार डालने का फैसला किया।
बच्चे को मारकर सुनसान जगह दफनाया
मामला तब सामने आया, जब पुलिस रेप मामले की जांच के लिए डीएनए सैंपल लेने उसके घर गई। वहां पहुंचने पर पुलिस को पता चला कि बच्ची को मार कर सुनसान जगह पर दफना दिया गया है। पुलिस के मुताबिक 4 दिन पहले बच्चे को जन्म देने वाली युवती ने पहले तो बच्चे को दूध नहीं पिलाया और फिर पैर से उसकी गर्दन कुचल दी और मार डाला।
शव को कब्र से निकाला बाहर
पुलिस ने कहा, नवजात शिशु की नृशंस हत्या की पुष्टि तब हुई जब शव को कब्र से बाहर निकाला गया और बाद में शव परीक्षण में सर्वाइकल स्पाइन के ऊपर कई फ्रैक्चर का पता चला। सभी 3 आरोपियों, महिला और उसके चाचा-चाची को गिरफ्तार कर लिया गया है और हत्या का मामला दर्ज किया गया।
नवजात को खिड़की से नीचे फेंका
बता दें कि इससे पहले पिछले महीने ही दिल्ली के न्यू अशोक नगर इलाके से ऐसा ही एक मामला सामने आया था। 20 साल की एक लड़की ने अपार्टमेंट से नवजात बच्चे को नीचे फेंक दिया था जिससे उसकी मौत हो गई थी। जब लड़की को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने कबूला की वो शादीशुदा नहीं है लेकिन उसने एक बच्चे को जन्म दे दिया था। सामाजिक कलंक से बचने के लिए उसने बच्चे को जन्म देने के बाद वॉशरूम की खिड़की से नीचे फेंक दिया था।