हेडिंग पढ़कर चौंकिए मत ये हम नहीं बल्कि मध्य प्रदेश सरकार के शिक्षक बच्चों को बता रहे हैं जिसे लेकर बैगा बच्चो में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। वैसे तो सरकार भले ही प्रदेश में विलुप्त होती बैगा आदिवासी जनजाति के लिए तमाम योजनाएं चलाकर उन्हें सहेजने का काम कर रही हो लेकिन सरकार के शिक्षकों का सरकारी सिस्टम शासन के अरमानों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। ताजा मामला उमरिया जिले का है जहां शासकीय शिक्षक का अजब गजब कारनामा सामने आया है। शित्रक ने छात्रों को बैगा उत्पति का अनोखा सिद्धांत पढ़ाया। शिक्षक ने कहा कि बैगा जनजाति की उत्पत्ति डायनासोर से हुई। इसके बारे में जब छात्रों ने अपने अभिभावकों को बताया तो ग्रामीणों ने इसकी शिकायत स्कूल शिक्षा विभाग से की।
शिक्षा के मंदिर में ये कैसा पाठ पढ़ाया जा रहा?
उमरिया जिले के शासकीय माध्यमिक विद्यालय ग्राम अचला में पदस्थ एक शिक्षक की अनोखी करतूत उजागर हुई है। शिक्षक विजय सिंह बघेल के ऊपर स्कूली छात्र विद्यालय में भ्रामक जानकारी पढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं। छात्रों की माने तो शिक्षक विजय सिंह बघेल के द्वारा कक्षा में बैगा जाति को उत्पत्ति का अनोखा सिद्धांत पढ़ाया जा रहा है। बघेल छात्रों को बताते हैं कि बैगा जाति की उत्पत्ति डायनासोर से हुई है, जबकि वैज्ञानिक रूप से धरती में मानव जीवन का विकास महज दो से तीन लाख साल पहले हुआ है और डायनासोर का अस्तित्व धरती से करोड़ो साल पहले समाप्त हो चुका था।
ग्रामीणों की शिकायत पर स्कूल शिक्षा विभाग ने शुरू की जांच
शिक्षक के इस भ्रामक पाठ से छात्र सहित गांव के अभिवावक भी हैरान और परेशान हैं। शिक्षक के ऊपर जनजातीय छात्र छात्राओं से अव्यावहारिक बर्ताव और गलत तरीके से संबोधन के आरोप भी छात्र छात्राओं द्वारा लगाए गए हैं। शिक्षक की करतूत को लेकर ग्रामीणों के द्वारा जिले के कलेक्टर, डीईओ से कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षक विजय सिंह बघेल के विरुद्ध जांच और कार्यवाही का भरोसा दिया गया है।
(रिपोर्ट- विशाल खण्डेलवाल)
यह भी पढ़ें-