जरा आप भी देखिए शराब के नशे में टुन्न चीफ मेडिकल ऑफिसर यानि CHMO साहब का बाइक स्टंट... ये हैं उमरिया जिले के हेल्थ विभाग के चीफ मेडिकल ऑफिसर सी.एम.एच.ओ R.K Mishra और हिन्दी में बोले तो राम किशोर मिश्रा। वैसे तो इनके ऊपर पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी है लेकिन साहब शराब के इतने शौकीन हैं कि ये कभी-कभी खुद को ही नहीं संभाल पाते और नशे की हालात में बाइक चलाते हुए धड़ाम से गिर जाते हैं।
अर्धनग्न अवस्था में ही बाइक पर निकल पड़े CHMO
वैसे तो साहब नशा मुक्ति अभियान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और आम जनता को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में अच्छी-अच्छी बातें बताते हुए हैं लोगों को कसम तक दिलवाते हैं कि नशा नहीं करना चाहिए। नशा इंसान को बर्बाद कर देता है लेकिन अपनी ही कही बातों पर साहब कितना अमल करते हैं ये आप खुद देख लीजिए कि नशे की हालात में अपने छोटे कर्मचारी के साथ बाइक लेकर कैसे निकल पड़े हैं। साहब तो मदिरा पान में इतने मस्त हैं कि वो कपड़े पहनना ही भूल गए और अर्धनग्न अवस्था में ही लॉन्ग ड्राइव पर निकल पड़ें। हमेशा की तरह अपनी आदत से मजबूर साहब कहा बात मानने वाले और हुआ भी वही जिसका डर था। बहकते-लड़खड़ाते साहब आखिर बाइक से गिर ही पड़े। वो तो गमीनत रही कि साहब के साथ पीछे बैठे व्यक्ति ने साहब को और साहब की बाइक को संभाल लिया नहीं तो कुछ भी अनहोनी हो सकती थी। साहब के बाइक से गिरने का वीडियो अब सोशल मीडिया में काफी सुर्खियां बटोर रहा है।
देखें वीडियो-
बाइक रोकी तब खुद को नहीं संभाल सके स्वास्थ्य अधिकारी
मामला उमरिया स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आरके मेहरा के नशे में बाइक चलाने का है। इनका शराब पीकर सड़क पर खुलेआम बाइक पर स्टंट करते हुए वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह चड्डी बनियान पहनकर नशे में चूर दिनदहाड़े सड़क पर बाइक चलाते और स्टंट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं जब उन्होंने बाइक रोकी तब वह अपने आप को संभाल नहीं सके और बाइक सहित सड़क पर गिर गए। अधिकारी के इस कृत्य से उनके विभाग और समाज को क्या संदेश जाता है? क्या यह आचरण एक लोकसेवक की मर्यादा के विपरीत नहीं हैं? अधिकारियों के ऐसे कृत्य से पूरे महकमे की छवि धूमिल होती है।
संवेदनहीनता के चलते भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है CMHO कार्यालय
सीएमएचओ डॉ. की इसी संवेदनहीनता के चलते जिले की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। उनकी लापरवाही का फायदा विभाग के अधिकारी और शातिर बाबू उठा रहे हैं। सीएमएचओ कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है, जहां वर्षों से पदस्थ बाबू सुबह से शाम तक शासन से आई रकम को डकारने की योजनायें बनाते रहते हैं। बताया जाता है कि कार्यालय के डीपीएमयू तथा अन्य बाबू पहले उन्हें मदमस्त करते हैं, फिर मनचाही नोटशीट और ऑर्डर बनाकर दस्तखत करा लेते हैं। इतना ही नहीं डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग कर भुगतान भी करवा लिया जाता है। जब कभी कोई मामला उजागर होता है तो डॉक्टर साहब कहने लगते हैं कि मैंने फाईलों पर कब दस्तखत किए।
(रिपोर्ट- विशाल खण्डेलवाल)